बेस्ट शायरी कलेक्शन
माथे पे बिंदियां आखों में काजल अच्छा लगता है | शायरी | करन मिश्रा
Karan Mishra
Nov 23, 2024
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खुदा से भी ये गिला नहीं कि तू मुझे क्यूँ मिला नहीं | शायरी | करन मिश्रा
Karan Mishra
Oct 17, 2024
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बुझा दो चिरागों को मुझे उजालो से डर लगता है | शायरी | करन मिश्रा
Karan Mishra
Sep 18, 2024
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वक़्त गुजर जाता है पर कुछ जख्म नहीं भर पाते । करन मिश्रा । शायरी
Karan Mishra
Aug 09, 2024
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हमारे तुम नहीं होते, तुम्हारे हम नहीं होते । करन मिश्रा । शायरी
Karan Mishra
Aug 04, 2024
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