ये चन्द लम्हों की मुलाकात नहीं लगती | शायरी | करन‌ मिश्रा
ये चन्द लम्हों की मुलाकात नहीं लगती | शायरी | करन‌ मिश्रा

ये चन्द लम्हों की मुलाकात नहीं लगती | शायरी | करन‌ मिश्रा

मिलो गर मुझे तो उम्र भर के लिए,
ये चन्द लम्हों की मुलाकात अच्छी नहीं लगती।
करनी है गुफ़्तुगू तुमसे सारी सारी रात,
ये आधी अधूरी बात अच्छी नहीं लगती।

Milo Gar Mujhe To Umra Bhar Ke Liye,
Ye Chand Lamhon Ki Mulakaat Achhi Nahi Lagati.
Karani Hai Guftagu Tumse Sari Sari Raat,
Ye Adhi Adhuri Baat Achhi Nahi Lagati.

ये चन्द लम्हों की मुलाकात  नहीं लगती | शायरी | करन‌ मिश्रा
ये चन्द लम्हों की मुलाकात नहीं लगती | शायरी | करन‌ मिश्रा



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Karan Mishra

करन मिश्रा को प्रारंभ से ही गीत संगीत में काफी रुचि रही है । आपको शायरी, कविताएं एवं‌‌ गीत लिखने का भी बहुत शौक है । आपको अपने निजी जीवन में मिले अनुभवों के आधार पर प्रेरणादायक विचार एवं कहानियां लिखना काफी पसंद है । करन अपनी कविताओं एवं विचारों के माध्यम से पाठको, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने का प्रयत्न करते हैं ।

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