कभी हसना था कभी रोना था | करन मिश्रा | शायरी

कभी हसना था कभी रोना था, छुप छुपकर आहें भरना था। तेरी एक झलक पाने की खातिर, घंटो राहें तकना था। वो पल बेशक़ अजीब थे, पर शायद मेरा नसीब थे। मैं आज भी राहें तकता हूं, मिलने को बहुत तरसता हूं । पर मिलना मुमकिन अब होता नहीं,‌ दिल पहले जैसा हसता रोता नहीं। […]

तेरे बिन अब जिया ना जाये | करन मिश्रा | शायरी

तेरे बिन अब जिया ना जाये, जीने में वो मजा ना आए। कैसी गुजर रही है अब मेरी, किसी से ये भी कहा ना जाए। Tere Bin Ab Jiya Na Jaye, Jeene Me Vo Maja Na Aaye. Kaisi Gujaar Rahi Hai Ab Meri, Kisi Se Ye Bhi Kaha Na Jaye.

ये इश्क की चिंगारी है । करन मिश्रा। शायरी

उसकी ना में भी हां है, ये इश्क की चिंगारी है यारों। जो सुलगा लिए तो हां है, जो बुझ गई तो ना है। Usaki na me bhi haan hai, Ye ishq ki chingari hai yaron. Jo sulaga liye to haan hai, jo bujha gayi to na hai.

ख्वाहिश संग है जीने की या फिर मर जाने की । करन मिश्रा । शायरी

ख्वाहिश संग है जीने की या फिर मर जाने की, मन्नत तेरे मिलने की या सूली चढ़ जाने की। हसरत एक तो पूरी हो, या तो घोड़ी चढ़ने की या फिर कब्र में जाने की। Khwahish Hai Sang Jeene Ki Ya Fir Mar Jane Ki, Mannat Tere Milne Ki Ya Suli Chadh Jane Ki. Hasarat […]

अपने ही हाथों इस दिल को दुखाया है मैंने । करन मिश्रा । शायरी

अपने ही हाथों इस दिल को दुखाया है मैंने, ज्यादा कुछ नहीं, हां ईश्क किया है मैंने. Apane Hee Haathon, Is Dil Ko Dukhaaya Hai Mainne. Jyaada Kuchh Nahin, Haan Ishq Kiya Hai Mainne.

वक़्त गुजर जाता है पर कुछ जख्म नहीं भर पाते । करन मिश्रा । शायरी

वक़्त गुजर जाता है पर कुछ जख्म नहीं भर पाते, खाक हुए सपनों को फिर से पंख नहीं लग पाते. धीरे-धीरे ठंडी पड़ जाती है आग लगन की, टूटे डाली के फुल फ़िज़ा में फिर से ना खिल पाते. Waqt Gujara Jata Hai Par Kuchh Jakhma Nahi Bhar Pate, Khak Hue Sapno Ko Fir Se […]

तेरी कश्ती को किनारा मिल ही जाएगा । करन मिश्रा । शायरी

तेरी कश्ती को किनारा मिल ही जाएगा, अच्छा बुरा कोई सहारा मिल ही जाएगा. कोशिशें करते चलो कोशिशों से ना हार मान, वक्त बुरा है आज लेकिन वक्त ये भी बदल ही जाएगा. Teri Kashti Ko Kinara Mil Hi Jayega, Achha Bura Koi Sahara Mil Hi Jayega. Koshise Karate Chalo Koshisho Se Na Har Maan, […]

मैं लिखता कुछ और हूं लिखा कुछ और जाता है । करन मिश्रा । शायरी

मैं लिखता कुछ और हूं लिखा कुछ और जाता है, करुं ना करूं जिक्र उसका हो ही जाता है। हर तरफ बिखरी हुई है खुशबू उसके आंचल की, गर मै सांस भी लेता हूं तो वो महक ही जाता है. Mai likhata kuchh aur hun likha kuchh aur jata hai, Karun na karun jikra uska […]

हमारे तुम नहीं होते, तुम्हारे हम नहीं होते । करन‌ मिश्रा । शायरी

हमारे तुम नहीं होते, तुम्हारे हम नहीं होते, खुदा जो साथ ना देता तो ये मंजर नहीं होते । दुआओं में हमेशा हमने बस तुमको ही मांगा था, दुआ खाली जो रह जाती तो हम तुम संग नही ।

एक वक्त ऐसा भी आएगा । करन मिश्रा । शायरी

नहीं मालूम था एक वक्त ऐसा भी आएगा, तुम्हे देखे हुए मुझे एक जमाना बीत जाएगा। तुम्हारी यादों में जीते हुए गुजरेंगे मेरे दिन, तेरी यादों का हर किस्सा मुझे पल पल रूलाएगा।

error: Content is protected !!