बुझा दो चिरागों को मुझे उजालो से डर लगता है | शायरी | करन मिश्रा

बुझा दो चिरागों को मुझे उजालो से डर लगता है, सच कहूँ तो अब मेरा अँधेरों में ही मन लगता है। न खोलो खिड़कियां कहीं कोई खुशी आ ना जाए, मुझे तो अब गम से ज्यादा खुशियों से ही डर लगता है। Bujha Do Chiragon Ko Mujhe Ujalo Se Dar Lagata Hai, Sach Kahun To […]

मुझको तेरे जैसा हमदर्द मिल गया | शायरी | करन मिश्रा

खुशनसीबी है मेरी कि तू बेदर्द मिल गया, मुझे तू ना सही पर तेरा दर्द मिल गया। गैरों से अब मैं शिकवा करूं भी तो क्या, जब मुझको तेरे जैसा हमदर्द मिल गया। Khushnaseebi Hai Meri Ki Tu Bedard Mil Gaya, Mujhe Tu Na Sahi Par Tera Derd Mil Gaya. Garon Se Ab Mai Shikwa […]

इश्क की राहों में बढ़ जाना तो आसान है | शायरी | करन मिश्रा

इश्क की राहों में बढ़ जाना तो आसान है फिर उन्हीं राहों से लौट आना मुश्किल । किसी के ख्वाब सजा लेना तो आसान है फिर उन्हीं ख्वाबों को भूल पाना मुश्किल। यूं ही किसी को दिल में न बसा क्योंकि, किसी को अपने दिल में बसा लेना तो आसान है, फिर उसी को दिल […]

तुझे भूल भी गया हूं और भूला भी नहीं‌ | शायरी | करन‌ मिश्रा

ये सच तो है मगर पूरा सच नहीं, तुझे भूल भी गया हूं और भूला भी नहीं। तेरे बगैर जी को अब लगा लिया है मैंने, जी लगा भी लिया है और जी कहीं लगा भी नहीं। जबसे गए हो तन्हा मुझे छोड़कर यहां, मैं जिंदा तो हूं बेशक पर जिंदा भी नहीं। Ye Sach […]

दिखावे के रिश्ते दिखावे में रह गए | शायरी | करन‌ मिश्रा

दिखावे के रिश्ते दिखावे में रह गए, हम बस ऐसे रिश्तों को बचाने में रह गए। कभी मतलब से रूठे कभी मतलब से माने, हम नासमझ उनको मनाने में रह गए। Dikhawe Ke Rishte Dikhawe Me Rah Gaye, Ham Bas Aise Rishton Ko Bachane Me Rah Gaye. Kabhi Matlab Se Ruthe Kabhi Matalab Se Mane, […]

जख्मो को वापस भरने में वक्त तो लगता है | शायरी | करन‌ मिश्रा

जो बिगड़ गया उसको बनने में वक्त तो लगता है, जख्मो को वापस भरने में वक्त तो लगता है। पतझड़ में जब झड़ जाते हैं शाखों से टूट के पत्ते, फिर से नई बहार आने में वक्त तो लगता है। Jo Bigad Gaya Usko Banane Me Waqt To Lagata Hai, Jakhmo Ko Vapasa Bharane Me […]

करके रुसवा सफ़र में उसने शहर बदल लिया | शायरी | करन मिश्रा

करके रुसवा सफ़र में उसने शहर बदल लिया, करता रहा मै मिन्नते पर उसने हमसफ़र बदल लिया। Karke Rusawa Safar Me Usne Shahar Badal Liya, Karata Raha Mai Minnate Par Usne Hamsafar Badal Liya.

मैं जिंदा हूं बस एक नजर के लिए‌ | शायरी | करन मिश्रा

याद आती है वो पर वो आती नहीं, उससे मिलने की आस दिल से जाती नहीं। मैं जिंदा हूं बस एक नजर के लिए, नजर आती नहीं जान जाती नहीं। Yaad Aati Hai Vo Par Vo Aati Nahi, Usase Milane Ki Aas Dil Se Jati Nahi. Mai Jinda Hun Bas Ek Nazar Ke Liye, Nazar […]

मेरा नसीब ही कुछ ऐसा था | शायरी | करन‌‌ मिश्रा

तू बुरा नहीं था तेरा दिल बुरा नहीं था, मेरा नसीब ही कुछ ऐसा था वरना वक़्त बुरा नहीं था। Tu Bura Nahi Tha Tera Dil Bura Nahi Tha, Mera Naseeb Hi Kuchh Aisa Tha Verna Waqt Bura Nahi Tha.

रूह की प्यास नहीं जाती | करन मिश्रा | शायरी

जिस्म की प्यास तो बुझ जाती है रूह की प्यास नहीं जाती, झूठे फरेबी रिश्तों से कभी प्यार की प्यास नहीं जाती। प्यार की प्यास बनी रहती है जलते बुझते रिश्तों में, आधी उमर गुजर जाती है फिर भी आस नहीं जाती। Jism Ki Pyas To Bujh Jati Hai Ruh Ki Pyas Nahi Jati, Jhuthe […]

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