जनाजे पर ना आना मेरे दोस्त | शायरी | करन‌ मिश्रा
जनाजे पर ना आना मेरे दोस्त | शायरी | करन‌ मिश्रा

जनाजे पर ना आना मेरे दोस्त | शायरी | करन‌ मिश्रा

मेरे जनाजे पर ना आना मेरे दोस्त,
आँखों से आसुं ना बहाना मेरे दोस्त।
जब जीते जी ना दे सके कोई ख़ुशी तो अब,
मेरे जाने का गम भी ना मनाना मेरे दोस्त

Mere Janaje Par Na Aana Mere Dost,
Aankhon Se Aasun Na Bahana Mere Dost.
Jab Jite Ji Na De Sake Koi Khushi To Ab,
Mere Jane Ka Gum Bhi Na Manana Mere Post

जनाजे पर ना आना मेरे दोस्त | शायरी | करन‌ मिश्रा
जनाजे पर ना आना मेरे दोस्त | शायरी | करन‌ मिश्रा



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Karan Mishra

करन मिश्रा को प्रारंभ से ही गीत संगीत में काफी रुचि रही है । आपको शायरी, कविताएं एवं‌‌ गीत लिखने का भी बहुत शौक है । आपको अपने निजी जीवन में मिले अनुभवों के आधार पर प्रेरणादायक विचार एवं कहानियां लिखना काफी पसंद है । करन अपनी कविताओं एवं विचारों के माध्यम से पाठको, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने का प्रयत्न करते हैं ।

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