जंगल मे सभी जानवर अपनी जिंदगी जी रहे थे । बस उनको डर रहता था । कही शेर न आ जाये, जंगली भैंसे एक झुण्ड मे रहते थे । भैंसे के बच्चे ने पूछा अपने पिता से – आप हमे हमेशा झुण्ड के बीच मे क्यों रखते हैं , हमे जंगल मे अकेले घूमने क्यों नही देते।
उसके पिता जी बोले – बेटा तुम को पता है कि शेर कितने खतरनाक जानवर है वह घात लगाये बैठे रहता है जेसे ही कोई भी मेम्बर झुण्ड से अलग होगा । वह हमला बोल सकता है इसलिये बच्चों को हमेशा झुंड के बीचो बीच रखते हैं।
बच्चा बोला – लेकिन मुझे तो अभी कोई शेर नही दिख रहा है मैं अभी तो घूम सकता हूँ ।
भैंसा बोला – नहीं बेटा वह तुम को अभी दिख नही रहे हैं लेकिन वो होंगे यहीं कहीं झाड़ियों के पीछे , वह मौके की तलाश मे है ।
बच्चा बोला – जैसे मुझे दिखेंगे मैं भाग जाऊंगा ,
भैंसा – तुम भाग नही पाओगे उनसे वो तुम को पकड़ लेंगे, उनसे बचने के लिये हम सब को झुण्ड मे ही रहना चाहिए तुम कभी भी झुंड से अलग नही होना , तुम को तो पता ही होगा कि उनसे बचने के लिए हममे से कुछ लोग बारी-बारी से रात मे पहरे देते है।
बच्चा बोला – जी पिता जी
बच्चा बोला – जी पिता जी
कुछ दूरी पर भैस परेशान थी अकेले पड़ी है उसकी डिलेवरी थी आज लेकिन उसके पास कोई नही था सभी भैंसे अपने चरने मे लगी थी ।
बच्चा बोला – माँ कितनी परेशान है लेकिन कोई भी उसकी मदद के लिये आगे नही आ रहा है सब घास चरने मे मगन है जैसे आज कोई पार्टी चल रही है , आप इनके साथ रहने की बात करते हो ये हमारी मुसीबत के समय मदद करेंगे ।
भैंसा बोला- घबराओ नही बेटा मुसीबत के समय ये हमारी मदद करेंगे और हम इनकी, यही समय की माँग है । जीने के लिये हमें इनकी जरूरत है और इनको हमारी , हम जब तक झुण्ड मे है तब तक ही सुरक्षित है ।
बच्चा बोला – लेकिन
भैंसा – जहाँ तक तुम अपनी माँ के लिये चिंतित हो , तो तुम पहले ये जान लो कि तुमको आज भाई या बहन मिलने वाले हैं
बच्चा बोला – पिताजी
———
भैंसा – बेटा ये भैसे जो अपने चरने मे मगन है वह तुहारी माँ की सुरक्षा के लिये ही मगन है , शेर को इस बात की भनक भी लग गई की तुम्हारी माँ गर्भ से है तो वह हमला कर सकता है इस अवस्था मे ना हीं तुम्हारी माँ अपनी सुरक्षा कर सकेगी न ही नवजात बच्चे की, तुम जरा नजरे उठाकर देखो ये सब घास चरने के अलावा चारो ओर नजर रखे हुऐ हैं ।
बच्चे ने एक नजर देखा उसने महसूस किया कि सभी की निगाहे आस पास के इलाको पर थी । वह अपने काम के साथ साथ चारो तरफ नजर रखे हुए थे । वह थोड़े देर घास चरना छोड़ कर मुँह उठाकर इधर उधर देख रहे थे । अब बच्चे के समझ मे आ गया की ये घेरा बंदी उसकी माँ की सुरक्षा के लिये किया गया है ।
बच्चा बोला – फिर भी पिता जी अगर शेर आ गया तो
भैंसा बोला – वह नही आएगा
बच्चा बोला –क्यों
भैंसा बोला – तुम्हारे चारो तरफ जो ये ताकतवर भैंसे दिख रहे है वह उसे भी दिख रहे होंगे , जिन की सुरक्षा के बीच मे हम सुरक्षित है , बच्चे और तुम्हारी माँ को कोई नुकसान नही पहुँचे इसलिये हम ये सतर्कता बर्त रहे है।
थोड़ी देर मे भैस ने बच्चे को जन्म दिया कुछ देर के बाद नवजात बच्चा अपने माँ के पीछे पीछे चल पड़ा
भैसा – कैसा लगा तुमारा भाई
बच्चा बोला – बहुत अच्छा है ,बहुत ही प्यारा है , अब मे इसके साथ खेलूगाँ , और हम झुण्ड के बीच मे ही खेलेंगे पिताजी
पिता जी की बात बच्चे की समझ मे आ गई थी की झुण्ड मे रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे ।
पिता जी की बात बच्चे की समझ मे आ गई थी की झुण्ड मे रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे ।
इस कहानी से क्या शिक्षा मिलती है:-
बड़ो की दी हुई सीख को माने और उन पर अमल करें , उन्होंने बहुत सारी समस्याओं का सामना किया होगा। जिसका अनुभव वह आप से शेयर करते हैं , आप अपनो के बीच खुद को पाकर कितना सुरक्षित है इस बात को महसूस करे, आप एक नजर उठाकर तो देखे आपको ये एहसास होगा कि अपनों की घेरा बंदी मे सुरक्षित होने का, जिनकी वजह से बहुत सारी समस्याएँ आप तक आती ही नही हैं अगर आती भी हैं तो आप के अपने आप के साथ खड़े होते हैं ,थोडा समर्पण आप भी करें ।
Writer
Prabhakar
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