भाई-बहन के प्यार की दिलचस्प लघु कहानी
️माधवपुर गांव में रहने वाला महेन्द्र आपने चारो बेटा के साथ तेल का व्यापार करता था । परिवार में चार भाईयों के बीच एकमात्र बहन नायरा जो सबसे छोटे होने के नाते सबकी लाडली थी । माता-पिता के चले जाने के बाद चारों भाइयों का प्यार अपनी बहन के लिए और भी ज्यादा बढ़ गया है ।
समय गुजरने के साथ ही चारो भाइयो की शादी हो जाती है । शुरू-शुरू मे तो चारों भाभियां नायरा को बहुत मानती थी परंतु भाई-बहन में इतना प्यार उन्हें ज्यादा दिन देखा नहीं गया परिणामस्वरूप चारों भाभियों के बर्ताव मे धीरे-धीरे काफी अन्तर आ गया । अब वे अपने पतियों के सामने तो नायरा को बहुत मानती परंतु उनके जाते ही वे उसके साथ बहुत बुरा बर्ताव करती ।
एक दिन चारों भाइयों को कच्चा माल लाने शहर जाना पड़ता है । जाते जाते वे हर बार की तरह इस बार भी अपनी पत्नियों से नायरा का ख्याल रखने के लिए कह जाते हैं वैसे तो वे चारों अपने पतियों के हां में हां मिलाती हैं परंतु उनके मन में ईर्ष्या की भावना अंगड़ाई ले रही है उनके जाते ही चारों भाभियों का व्यवहार नायरा के प्रति और कठोर हो जाता है ।
आखिरकार अपनी योजना के मुताबिक वे उसे दूर जंगल में छोड़ आती हैं जहां से आने का रास्ता नायरा को नहीं सूझ रहा लिहाजा वह काफी घबरा जाती है और एक पेड़ के नीचे बैठकर रोने लगती है । तभी उसे एक लकड़हारिन मिलती है जो उसे अपने साथ अपने घर ले जाती है ।
चारों भाईयों के घर लौटने और अपनी बहन के ना मिलने पर वे बहुत दुखी होते हैं परंतु लाख प्रयास के बाद भी वे उसे नहीं ढूंढ पाते । एक दिन जब वे उसी जंगल के रास्ते शहर जा रहे थे तभी उन्हें लकड़ियां बिन रही कुछ औरतों के बीच अपनी बहन नायरा दिखाई देती है । अपने भाइयों को सामने पाकर नायरा खुद को नही रोक पाती । उसकी आंखों से अश्रु की धार बहने लगती है । चारों भाई उसे लेकर घर वापस लौट आते हैं ।
नायरा को उनके भाइयों के साथ देखकर चारों भाभियों की रूह कांप जाती है परंतु अपनी चालाकी, एक बार फिर दिखाते हुए वे पूरी घटना से अनजान बनते हुए नायरा से पूछती हैं
तुम कहां चली गई थी और तुमने अपना ये कैसा हाल बना रखा है तुम्हें पता है हम सब कितने परेशान हो गए थे हमने सोचा कि तुम्हें कहीं कुछ हो तो नहीं गया, तुम्हें किसी जंगली भालू या शेर ने अपना निवाला तो नहीं बना लिया हम बहुत घबरा गए थे । चलो अच्छा हुआ कि तुम आ गई
चारों भाई उनसे कुछ नहीं कहते और अपने साथ लाया हुआ सारा तेल एक कढ़ाई में डालकर उसे गर्म करने लगते हैं जब तेल उबलने लगता है तब वे नायरा कि कहीं सारी बातें उन्हें बताते हुए उन्हें अपने आप को साबित करने का एक मौका देते हैं ।
वे उन्हे उबलते तेल से भरी कढ़ाई में उतरने को कहते हैं उनके हिसाब से यदि उनकी पत्नियां सही होंगी तो उन्हें कुछ भी नहीं होगा अन्यथा वे उसी में जलकर खत्म हो जाएंगी जिसे सुनते ही चारो भाभियों की रूह कांप जाती है और वे अपने गुनाहों को स्वीकार कर लेती हैं ।
बहन की कहानी से शिक्षा
ईष्या में हमेशा अपना ही नुकसान होता है इसलिए हमें कभी किसी से ईष्या नही करनी चाहिए ।
झूठ ज्यादा दिनो तक नही टिक सकता, सच सामने आने पर परिणाम बुरे होते हैं ।