ऐ हाल तेरे हाल पे रोना आया - शायरी - करन मिश्रा, शाखों से लीपटी हुई यादें उसकी
ऐ हाल तेरे हाल पे रोना आया - शायरी

ऐ हाल तेरे हाल पे रोना आया | शायरी | करन मिश्रा

ऐ हाल तेरे हाल पे रोना आया,
इस दिल के हर सवाल पे रोना आया ।
जब जा रही थी वो मुझे तन्हा करके,
मैं कुछ न कर सका मुझे रोना आया।

शाखों से लीपटी हुई यादें उसकी,
अब पूछती हैं क्या बची हसरत तेरी।
मै कपकपाते हुए इन होठों से,
कुछ भी ना कह सका मुझे रोना आया।

Ai Hal Tere Hal Pe Rona Aaya,
Es Dil Ke Har Sawal Pe Rona Aaya,
Jab Ja Rahi Thi Vo Mujhe Tanha Karke,
Mai Kuchh Na Kar Saka Mujhe Rona Aaya.

Shakhon Se Lipati Hui Yadein Uski,
Ab Puchhati Hain Kya Bachi Hasarat Teri.
Mai Kapkapate Hue En Hothon Se,
Kuchh Bhi Na Kah Saka Mujhe Rona Aaya.

ऐ हाल तेरे हाल पे रोना आया - शायरी - करन मिश्रा, शाखों से लीपटी हुई यादें उसकी
ऐ हाल तेरे हाल पे रोना आया – शायरी




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Karan Mishra

करन मिश्रा को प्रारंभ से ही गीत संगीत में काफी रुचि रही है । आपको शायरी, कविताएं एवं‌‌ गीत लिखने का भी बहुत शौक है । आपको अपने निजी जीवन में मिले अनुभवों के आधार पर प्रेरणादायक विचार एवं कहानियां लिखना काफी पसंद है । करन अपनी कविताओं एवं विचारों के माध्यम से पाठको, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने का प्रयत्न करते हैं ।

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