हमारे तुम नहीं होते, तुम्हारे हम नहीं होते,
खुदा जो साथ ना देता तो ये मंजर नहीं होते ।
दुआओं में हमेशा हमने बस तुमको ही मांगा था,
दुआ खाली जो रह जाती तो हम तुम संग नही ।
करन मिश्रा को प्रारंभ से ही गीत संगीत में काफी रुचि रही है । आपको शायरी, कविताएं एवं गीत लिखने का भी बहुत शौक है । आपको अपने निजी जीवन में मिले अनुभवों के आधार पर प्रेरणादायक विचार एवं कहानियां लिखना काफी पसंद है ।
करन अपनी कविताओं एवं विचारों के माध्यम से पाठको, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने का प्रयत्न करते हैं ।