पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेई का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर, मध्य प्रदेश में हुआ था । उनके पिता (father) का नाम पंडित कृष्ण बिहारी बाजपेई था जोकि पेशे (profession) से एक अध्यापक (teacher) थे । अटल बिहारी बाजपेई की माता (mother) का नाम श्रीमती कृष्णा बाजपेई था ।
स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेई ने राजनीति शास्त्र (politics) में स्नातकोत्तर (post graduate) तक की शिक्षा प्राप्त की थी । उन्होंने अनेक पत्र-पत्रिकाओं का भी संपादन किया था । अटल जी को कविताएं (Poems) लिखने का काफी शौक रहा है । अटल जी की कविताएं अपने समय में काफी प्रचलित (famous) भी थी । अटल जी की प्रमुख रचनाओं (compositions) में संसद में तीन दशक, सेकुलरवाद आदि प्रमुख हैं ।
अटल बिहारी बाजपेई, सन 1957 में पहली बार उत्तर प्रदेश के बलरामपुर लोकसभा सीट से सांसद (member of parliament) निर्वाचित (elected) हुए थे इतना ही नहीं प्रधानमंत्री बनने से पहले वे जनता दल मे मोरारजी देसाई की सरकार में विदेश मंत्री (foreign minister) भी रह चुके हैं ।
अटल बिहारी बाजपेई ने सारी दुनिया को ताक पर रखते हुए भारत को परमाणु शक्ति (nuclear power) संपन्न बनाने के लिए अपने कार्यकाल में परमाणु परीक्षण भी कराया था यद्यपि इसके बाद देश को कई समस्याओं (problem) का सामना करना पड़ा परंतु आज बाजपेई जी अपने इस उपलब्धि (availability) के लिए पूरे देश मे जाने जाते हैं ।
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अटल बिहारी बाजपेई आजीवन (lifetime) अविवाहित (unmarried) थे । वे प्रथम बार सन 1998 मे भारत के दसवें प्रधानमंत्री के रूप मे प्रधानमंत्री पद की शपथ (Oath) ली थी परंतु कुछ कारणों वश उनकी सरकार 1 साल के अंदर ही गिर गई थी जिसके कारण पुनः लोकसभा (parliament) के चुनाव (election) हुए जिसमे एक बार अटल बिहारी बाजपेई जी प्रधानमंत्री निर्वाचित हुए । हालांकि अटल जी की सरकार 24 दलो (party) के गठबंधन से बनाई गई थी ।
वे स्वयंसेवक संघ के लिए अपनी सेवाएं देते रहे हैं । उन्हे स्वयंसेवक संघ (rss) के संस्थापको मे से एक माना जाता है । उन्हे पद्मभूषण से भी सम्मानित (honoured) किया जा चुका है । वो भारत रत्न के रूप में भी सम्मान (honour) पा चुके हैं । अटल बिहारी वाजपेई के बारे में सबसे रोचक (interesting) बात यह है कि अटल बिहारी वाजपेई के धुर विरोधी भी उनकी तारीफ (praise) किए नहीं थकते हैं।
एक बार का वाकया (happening) है जब अटल बिहारी वाजपेई चुनाव हार (loss) कर विपक्ष में बैठे थे उस समय जब वह अपनी बात कहने के लिए संसद को संबोधित कर रहे थे तभी अचानक वे ये भूलकर कि अब वे प्रधानमंत्री नहीं बल्कि विपक्ष (opposition) के नेता है, अपने वक्तव्यों (speech) को एक प्रधानमंत्री के रूप में देने लगे परंतु उन्हें सुनकर किसी ने भी संसद मे उनका मजाक नहीं उड़ाया बल्कि सभी शांत भाव से उनकी बातें सुनते रहे यह वाक्या इस बात का प्रमाण (prove) है कि लोग अटल बिहारी वाजपेई को कितना सम्मान किया करते हैं ।
दुर्भाग्यवश (unfortunately) 16 अगस्त (august) दिन वृहस्पतिवार (thursday), सन 2018 को शाम 05:00 बजे दिल्ली के एम्स (AIIMS) अस्पताल (hospital) मे, अटल बिहारी बाजपेई जैसी पूज्य आत्मा का सूर्य अस्त (dead) हो गया । इस शोक मे सात दिनो का राष्ट्रीय अवकाश रखा गया ।
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