धीरे-धीरे ही सही पर अब ये फासला बढ़ेगा | शायरी | करन‌ मिश्रा
धीरे-धीरे ही सही पर अब ये फासला बढ़ेगा | शायरी | करन‌ मिश्रा

धीरे-धीरे ही सही पर अब ये फासला बढ़ेगा | शायरी | करन‌ मिश्रा

धीरे-धीरे ही सही पर अब ये फासला बढ़ेगा,
तू दूर और दूर और दूर चला जाएगा ।
मैं चाह के भी ख़तम ना कर पाउंगा ये फासले,
वक्त के साथ हमारे प्यार का नाम-ओ-निशान मिट जाएगा।

Dheere Dheere Hi Sahi Par Ab Ye Faasala Badhega.
Tu Dur Aur Dur Aur Dur Chala Jayega..
Mai Chah Ke Bhi Khatm Na Kar Paunga Ye fasale.
Waqt Ke Sath Hamare Pyar Ka Namo Nisan Mit Jayega.

धीरे-धीरे ही सही पर अब ये फासला बढ़ेगा | शायरी | करन‌ मिश्रा
धीरे-धीरे ही सही पर अब ये फासला बढ़ेगा | शायरी | करन‌ मिश्रा



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Karan Mishra

करन मिश्रा को प्रारंभ से ही गीत संगीत में काफी रुचि रही है । आपको शायरी, कविताएं एवं‌‌ गीत लिखने का भी बहुत शौक है । आपको अपने निजी जीवन में मिले अनुभवों के आधार पर प्रेरणादायक विचार एवं कहानियां लिखना काफी पसंद है । करन अपनी कविताओं एवं विचारों के माध्यम से पाठको, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने का प्रयत्न करते हैं ।

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