बड़ी खामोशी से इज़हारे मोहब्बत किया उसने | शायरी | करन मिश्रा

बड़ी खामोशी से इज़हारे मोहब्बत किया उसने,
पलके झुकायी और हल्का सा मुस्कुराया उसने।
शिकार तो मैं तब हुआ जब,
पलट कर देखा और फिर से मुस्कुराया उसने।

Badi Khamoshi Se Izahare Mohabbat Kiya Usane,
Palke Jhukayi Aur Halka Sa Mushkuraya Usane.
Shikar To Mai Tab Hua Jab,
Palat Kar Dekha Aur Fir Se Mushkuraya Usane.

बड़ी खामोशी से इज़हारे मोहब्बत किया उसने | शायरी | करन मिश्रा



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Karan Mishra

करन मिश्रा को प्रारंभ से ही गीत संगीत में काफी रुचि रही है । आपको शायरी, कविताएं एवं‌‌ गीत लिखने का भी बहुत शौक है । आपको अपने निजी जीवन में मिले अनुभवों के आधार पर प्रेरणादायक विचार एवं कहानियां लिखना काफी पसंद है । करन अपनी कविताओं एवं विचारों के माध्यम से पाठको, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने का प्रयत्न करते हैं ।

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