कभी हसना था कभी रोना था | करन मिश्रा | शायरी

कभी हसना था कभी रोना था, छुप छुपकर आहें भरना था।
तेरी एक झलक पाने की खातिर, घंटो राहें तकना था।

वो पल बेशक़ अजीब थे, पर शायद मेरा नसीब थे।
मैं आज भी राहें तकता हूं, मिलने को बहुत तरसता हूं ।

पर मिलना मुमकिन अब होता नहीं,‌ दिल पहले जैसा हसता रोता नहीं।
आँखों में अश्कों की धार है, तेरा पल-पल इंतज़ार है…

कभी आओगे मुझसे मिलने को, मेरा हाथ थामकर चलने को,
यहीं बात मुझे खुश रखती है, मुझे फिर से जिंदा करती है ।

मुझे फिर से जिंदा करती है…

Kabhi Hasana Tha, Kabhi Rona Tha, Chhup Chhupkar Aahen Bharana Tha.
Teri Ek Jhalak Pane Ki Khatir, Ghanto Rahen Takana Tha.

Vo Pal Beshak Ajeeb The, Par Shayad Mera Naseeb The.
Mai Aaj Bhi Rahen Takata Hun, Milane Ko Bahut Tarasata Hun.

Par Milana Mumkin Ab Hota Nahi, Dil Pahle Jaise Hasata Rota Nahi.
Aakhon Me Ashko Ki Dhar Hai, Tera Pal Pal Intazaar Hai….

Kabhi Aaoge Mujhse Milane Ko, Mera Hath Thamkar Chalane Ko,
Yahi Baat Mujhe Khush Rakhati Hai, Mujhe Fir se Jinda Karati Hai.

Mujhe Fir se Jinda Karati Hai.. …

कभी हसना था कभी रोना था, छुप छुपकर आहें भरना था। 
तेरी एक झलक पाने की खातिर, घंटो राहें तकना था।

वो पल बेशक़ अजीब थे, पर शायद मेरा नसीब थे।
कभी हसना था कभी रोना था | करन मिश्रा | शायरी



• Best शायरी यहाँ पढें

• Best Love शायरी यहाँ पढें

• Best Sad शायरी यहाँ पढें



author

Karan Mishra

करन मिश्रा को प्रारंभ से ही गीत संगीत में काफी रुचि रही है । आपको शायरी, कविताएं एवं‌‌ गीत लिखने का भी बहुत शौक है । आपको अपने निजी जीवन में मिले अनुभवों के आधार पर प्रेरणादायक विचार एवं कहानियां लिखना काफी पसंद है । करन अपनी कविताओं एवं विचारों के माध्यम से पाठको, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने का प्रयत्न करते हैं ।

इन्हें भी पढें...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!