कभी ख्वाबो में तो कभी ख्यालों में आ जाते हो - शायरी - करन मिश्रा
कभी ख्वाबो में तो कभी ख्यालों में आ जाते हो - शायरी

कभी ख्वाबो में तो कभी ख्यालों में आ जाते हो | शायरी | करन मिश्रा

कभी ख्वाबो में तो कभी ख्यालों में आ जाते हो,
हवा हो या कोई करिश्मा जहां मैं जाता हूं
तुम वहां आ जाते हो।
तेरी यादों से हम दूर जाएं तो कैसे,
साम को भूलूं तो सुबह आ जाते हो।

Kabhi Khwabo Me To Kabhi Khayalon Me Aa Jate Ho,
Hawa Ho Ya Koi Karishma
Jahan Mai Jata Hun Tum Vahan Aa Jate Ho.
Teri Yadon Se Ham Dur Jayen To Kaise,
Sam Ko Bhulun To Subah Aa Jate Ho.

कभी ख्वाबो में तो कभी ख्यालों में आ जाते हो - शायरी - करन मिश्रा
कभी ख्वाबो में तो कभी ख्यालों में आ जाते हो – शायरी



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Karan Mishra

करन मिश्रा को प्रारंभ से ही गीत संगीत में काफी रुचि रही है । आपको शायरी, कविताएं एवं‌‌ गीत लिखने का भी बहुत शौक है । आपको अपने निजी जीवन में मिले अनुभवों के आधार पर प्रेरणादायक विचार एवं कहानियां लिखना काफी पसंद है । करन अपनी कविताओं एवं विचारों के माध्यम से पाठको, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने का प्रयत्न करते हैं ।

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