Short Motivational Teacher Story in Hindi
बच्चो एवं उनके अभिभावक को शोभित जहां कहीं भी मिल जाता वे उसे बहुत सारा सम्मान देते जो शोभित के लिए एक सुन्दर एहसास था । इसप्रकार अपने टीचिंग के दम शोभित ने काफी कम समय में ही पैसा और सम्मान दोनों कमाया ।
एक दिन शोभित की मुलाकात उसके बचपन के दोस्त संजीव से हुई। बातों बातो मे संजीव ने बताया कि उसका दाखिला शहर के जाने-माने मैनेजमेंट कॉलेज में हो गया है जहा वह एमबीए की पढ़ाई करने जा रहा है । संजीव, शोभित को भी एमबीए के माध्यम से अपना भविष्य सवारने की सलाह देता है । उससे मिलने के बाद शोभित के मन में भी एमबीए करने की इच्छा जग जाती है ।
किन्तु तभी उसके पास एक स्कूटी आकर रुकती है । स्कूटी से एक युवक उतरकर शोभित का पैर छू रहा है परंतु शोभित के लिए वह युवक बिल्कुल अजनबी जैसा है तभी युवक की स्कूटी पर साथ आए एक बुजुर्ग व्यक्ति से शोभित की आंखें टकरा जाती है तब उसे पता चलता है कि उस युवक को शोभित, कभी ट्यूशन पढ़ाया करता था जो आज काफी बड़ा हो गया है युवक के साथ उसके पिता भी हैं जो शोभित को मास्टर साहब कहकर पुकार रहे हैं ।
वे बहुत आदर भाव के साथ शोभित को पास की दुकान में जलपान के लिए आमंत्रित करते हैं । मगर शोभित को बैंक के लिए पहले ही काफी देर हो चुका है । शोभित के द्वारा अपनी परेशानी बताने पर युवक उसे फौरन अपनी स्कूटी से बैंक पहुंचाता है एवं उसकी कार को ठीक कराकर वापस बैंक पहुंचा आता है ।