जंगल में एक घोड़े की दोस्ती जंगल में घूम रहे एक बैल से हो जाती है। दोनों हर वक्त साथ-साथ रहते घास चरने के साथ साथ दोनों एक दूसरे को परेशान करके कभी-कभी खेलते हुए थे।
कुछ दिनों बाद जब गर्मियों का मौसम आया तो मैदान में घास कम होने लगी। बैल को अब वहां रहना ठीक नहीं लगा वह जंगल के दूसरे तरफ जाना चाहता था। उसने ये बात अपने दोस्त घोड़े से कही घोड़े ने अपने दोस्त की बात को सुनकर तुरंत जगह बदलने को राजी हो जाता है। वह बैल को वहां से चलने को कहता है मगर बैल पैर गाड़े रहता है। वह आगे नहीं बढता है। घोड़े के बार-बार फोर्स करने पर वह घोड़े से कहता है, कि
“दोस्त जंगल के उस तरफ घास बहुत है मगर वहां जान का जोखिम भी बहुत है क्योंकि उधर ढेर सारे शेर अपना डेरा डाले हुए हैं।”
वह घोड़े से कहता है
“दोस्त अगर शेर वहां आता है, तो तुम तो तेज दौड़ कर बच कर भाग सकते हो मगर मैं इस उम्र में तेजी से भाग नहीं पाऊंगा और अपने प्राण गवा दूंगा”
यह सुनकर बिना कुछ कहे घोड़ा वहां से चला जाता है। कुछ देर बाद जब वो लौटता है, तो उसके अगले दोनों पैर खून से लथपत थे।
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यह देखकर बैल परेशान हो जाता है। वह घोड़े से पूछता है कि, यह कैसे हुआ घोड़ा बताता है कि
“अब मेरे दोनों पैर टूट गए हैं। अब शेर आने पर मैं भी दौड़ कर तेजी से भाग नहीं पाऊंगा”
यह कहकर वह बैल को लेकर जंगल के दूसरी और चला जाता है। जहां पानी भी है, और खूब ढ़ेर सारी घास भी हैं।
दोनों को वहां खूब मजा आता है। एक दिन की बात है दोनों मैदान में घास चर रहे थे। कि तभी काफी दूर से उन्हें एक शेर दिखाई देता है।
बैल घोड़े से भागने को कहता है, पर घोड़ा कहता है दोस्त मैं तेजी से भाग नहीं सकता, तुम भाग कर अपनी जान बचा लो, बैल पूरी ताकत से वहां से भागता है। कुछ दूर आने के बाद वह पीछे मुड़कर देखता है। तो घोड़ा मर चुका था। शेर उसके शरीर को बेरहमी से नोच रहा था।
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