तीन बेटियों के बाद सुमन ने घर के चिराग को जन्म दिया । आखिरकार सबकी मुरादें पूरी हुई । बड़े ही धूमधाम से बेटे के आने का जश्न मनाया गया । सुमन का बेटा उसकी आंखों का तारा था । उसने अपने बेटे का नाम राजा रखा ।
“ठीक है जब स्कूल से घर आओगे तो मैं तुम्हें तुम्हारी पसंद की कलर टीवी खरीदूंगी” मगर जुबानी खर्च राजा जी को कहां समझ आता उसने तो बस ठान ही ली कि पहले टीवी फिर स्कूल मजबूरन सुमन को लाडले की यह बात मान कर उल्टे पांव घर लौटना पड़ा।
बुआ ने भी ऐसा लड़का जीवन में पहली बार देखा था। घर पहुंचकर बुआ ने घरवालों से आपबीती बताई यह सुनकर सब हंस पड़े मगर थोड़े हैरान भी थे। कुछ दिनों तक तो बुआ के वहां राजा की अच्छी बनी मगर थोड़े ही दिनों में वह बोर हो गया और घर वापस जाने की जिद्द करने लगा। बुआ के पास कोई ऐसा नहीं था जिसके साथ वह उसे वापस भेज सके, किसी तरह से तो वह एक बार मायके आई थी।