कुछ भी असंभव नही – प्रेरणादायक हिंदी कहानी | Nothing Is Impossible – An Inspirational Story In Hindi
वैसे तो गांव में कुएं बहुत थे । मगर कुएं का पानी आग पर काबू पाने मैं नाकाफी साबित हो रहा था । क्या बूढ़े, क्या बच्चे, क्या जवान आग बुझाने को पूरा गांव चल पड़ा । जिसके हाथ में जो आया वो वही लेकर आग की तरफ दौड़ पड़ा पर आग थी की जैसे गांव के बर्बादी की कसम खाकर आई हो ।
“रास्ता तो है बेटा हां, थोड़ा कठिन जरूर है परन्तु अगर सारे गांव वाले साथ देंगे तो ज्यादा मुश्किल नहीं होगी”
“क्या सोचने लगे राम”
थोड़ा ठहरने के बाद वह फिर बोला
“बताइए कौन सा रास्ता है”
पिताजी
“बेटा गांव के पीछे जो पहाड़ है । उसके उस तरफ एक नदी गुजरती है । पहाड़ को काटकर अगर एक पतला साथ भी रास्ता बन जाए तो फिर हमें कभी भी ऐसे दिन नहीं देखने पड़ेंगे”
पिताजी को टोकते हुए राम ने कहा “पर पिताजी”
“मैं जानता हूं कि ये काम काफी कठिन है पर सारा गांव अगर मिलकर प्रयास करें तो एक दिन यह असंभव सा दिखने वाला काम भी संभव हो सकता है”
ऐसा पिता ने राम की बात बीच में ही काटते हुए कहा ।
राम पूरी रात पिताजी की बातों को सोचता रहा । जैसे-जैसे रात गुजरती गई वैसे वैसे पिताजी की बिना सर पांव की बात, उसे सही लगने लगी । अगले ही दिन राम ने सारे गांव वालों को इकट्ठा किया और उनके सामने पिताजी द्वारा सुझाए उपाय को बताया ।
“ तुम सबने, हमारा राम हनुमान बनने जा रहा है पहाड़ तोड़ेगा और गांव की संजीवनी लाएगा जा राम जा अपना समय न गवां जाकर पहाड़ को तोड़”
राम ने उनकी इस प्रकार की बातों को इग्नोर कर उन्हें निरंतर समझाने और उन्हें विश्वास में लेने का प्रयास करता रहा ।
“पिताजी गांव वाले सही थे । आप जैसा कह रहे थे वैसा कुछ भी नहीं हो सकता । पहाड़, पहाड़ है और हम इन्सान उसे तोड़ पाना इन हाथों के बस की बात नही”
निराश बैठे राम का हाथ पिताजी ने पकड़ा और उसे कुए के पास ले गए । उन्होंने कुए के घिर्री को दिखाया और बोला
“देखो बेटा एक रस्सी से रगड़ रगड़ कर अगर इस घिर्री में लकीर खीच सकती है तो तुम तुम्हारे लगातार प्रयासों से पत्थरों में लकीर क्यों नहीं खींच सकती । पहाड़ों में रास्ता क्यों नहीं बना सकता”
पिताजी की इस बात ने राम को आत्मविश्वास से लवरेज कर दिया । उसने एक भी पल न गवांते हुए पहाड़ की ओर बढ़ चल पड़ा ।
Moral Of The Story
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