भाई दूज 2019 मे कब है कथा निबंध Story And Essay On Bhai Dooj In Hindi
भारतवर्ष में हर रिश्ते (Relationships) का अपना एक अलग ही महत्व (importance) है जिसमें भाई बहन के रिश्ते को किसी से कम नहीं आका जा सकता । भाई बहन के रिश्ते को और मजबूत बनाने के लिए हमारे देश में दो त्यौहार (Festival) प्रमुख रुप से मनाया जाते है । पहला सावन महीने की पूर्णिमा में पड़ने वाला रक्षाबंधन का त्यौहार और दूसरा कार्तिक मास की द्वितीय को मनाया जाने वाला भाई दूज का त्यौहार है ।
भैया दूज को भातृ द्वितीया या यमद्वितीया भी कहते हैं जिस दिन भाई का बहन के घर जाकर भोजन करने का अपना एक विशेष महत्व है एक तरफ जहां रक्षाबंधन में बहन भाई के कलाई (Wrist) पर राखी बांधती है और फिर भाई उसके पूरे जीवन (Life) रक्षा करने का वचन (Promise) देता है वही भैया दूज में बहन भाई की लंबी उम्र की कामना करती है इसतरह दोनों ही त्यौहार भाई बहनों के रिश्ते को गहरा करने से जुड़े हैं ।
इस दिन अच्छा होगा कि भाई अपने घर न खाकर अपनी बहन के घर जाए और उसके बनाए भोजन (food) का भोग लगाए । अगर सगी बहन ना हो तो चचेरी, ममेरी, आस-पड़ोस या दोस्त-मित्र की बहनों के घर भी जाकर भोजन करना, दीर्घायु (long lived) प्रदान करता है ।
भाई दूज कब मनाया जाता है
भाई दूज कार्तिक माह (Month) की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि (Date) के दिन मनाया जाता है ।
तिथि एवं शुभ मुहूर्त
तिथि: 29 नवम्बर 2019, दिन मंगलवार
शुभ मुहूर्त :दोपहर 12:50 से 3:29 बजे तक
शुभ मुहूर्त :दोपहर 12:50 से 3:29 बजे तक
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पूजन विधि
भूमि को गाय के गोबर से लीपकर वहां मिट्टी की एक आकृति (Shape) बनाई जाती है । फूल और सिन्दूर से उसकी पूजा अर्चना की जाती है तत्पश्चात एक बड़ी लाठी (डण्डे) की मदद से उसे पार किया जाता याद रहे कि आप का पांव बीच में नहीं पड़ना चाहिए इस प्रक्रिया (Process) को पांच बार दोहराया (repeat) जाता है । उसके बाद उसे लाठी से पीट पीटकर तोड़ दिया जाता है तत्पश्चात भाई को टीका लगाकर मिठाई और फरा खिलाया जाताहै वहीं भाई अपनी यथाशक्ति उपहार देता है ।
भैया दूज की कथा
यमराज और यमुना दोनों सगे भाई बहन हैं । यमुना, यमराज को बार-बार अपने घर आने के लिए आमंत्रित (Invited) करती रही परंतु अति व्यस्तता (Busy) के कारण यमराज कभी भी अपनी बहन के घर नहीं जा सके ।
एक बार जब यमराज को यमुना ने कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को आने को आमंत्रण दिया इस बार यमराज समय निकालकर यमुना के घर गए भाई को सामने पाकर यमुना बहुत खुश (Happy) थी उसने यमराज का बहुत सेवा की उन्हें अच्छे-अच्छे भोजन (Food) कराए इसे देखकर यमराज बहुत खुश हुए और यमुना से वर (Wish) मांगने को कहा तब यमुना, यमराज को इसी दिन, प्रति वर्ष आने का आग्रह (Request) करने लगी और साथ ही उसने यमराज से कहा कि जो बहन इस दिन अपने भाई का इसी तरह सेवा करें उसका तुमसे कभी कोई बुरा ना हो यमराज ने बहन की बातें मान (Agree), उसे वचन दिया । तभी से भैया दूज का यह पर्व मनाया जाता है ।
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