मदद के लिए तड़पता सख्श कहीं आपका कोई अपना तो नहीं | Short Story | Karan Mishra
मदद के लिए तड़पता सख्श कहीं आपका कोई अपना तो नहीं | Short Story | Karan Mishra

मदद के लिए तड़पता सख्श कहीं आपका कोई अपना तो नहीं | Short Story | Karan Mishra

जनसभा से लौट रहे विधायक जी की गाड़ी अचानक काफी तेजी से रुकती है सड़क के किनारे एक युवक खून से लथपथ काफी गंभीर हालत में पड़ा हुआ है उसकी ऐसी हालत देखकर विधायक जी का ड्राइवर गाड़ी रोक कर उसके पास जाने की सोचता है परंतु वह गाड़ी का दरवाजा जैसे ही खोलता है पीछे बैठे विधायक जी उसे रोक देते हैं उन्हें फौरन कहीं पहुचना है इसलिए वो ड्राइवर से वक्त न बर्बाद करते हुए वहां से चलने के लिए कहते हैं उधर इलाज के अभाव में युवक के शरीर से काफी देर तक रक्त बहता रहता है बहुत देर बाद गांव वालों की सूचना पर पुलिस वहां पहुंचती है और युवक को ले जाकर वहाँ के जिला अस्पताल में भर्ती कराती है जहां उसकी हालत काफी गंभीर बताई जाती है ।

आधी रात बीत चुकी है विधायक जी अपने बैठक हाल में काफी परेशान दिख रहे हैं असल में सुबह का निकला उनका जवान बेटा अब तक घर नहीं लौटा एक तरफ वह अपनी पत्नी पर इस बात को लेकर काफी गुस्सा हो रहे हैं और दूसरी तरफ वो काफी चिंतित भी दिख रहे हैं। काफी रात हो जाने पर वे पुलिस और अपने तालुकातों की मदद से अपनी बेटे को ढूंढने की कोशिश करते हैं । सुबह हो चुकी है परन्तु अभीतक उनके बेटे का कोई पता नहीं चल पाया है। दिन के तकरीबन 11:00 बजे उनको एक फोन आता है फोन थाने से आया है जिसमें बताया जाता है की उनके बेटे से मिलते जुलते एक युवक के बारे में उन्हें पता चला है, विधायक जी दौड़े दौड़े वहां पहुंचते हैं तब पता चलता है कि कल किसी युवक का बूरी तरह एक्सीडेंट हो गया था और कई घंटे तक वह सड़क के किनारे घायल हालत में पड़ा रहा उसकी मदद के लिए कोई नहीं आया काफी देर तक खून बहते रहने के कारण उसकी हालत बहुत गंभीर हो गयी और जिला अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई । पुलिस ने बताया कि यदि समय पर उसे इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया होता तो शायद उसकी जान बच जाती फिलहाल युवक को लावारिस लाशों के साथ रखा गया है उसकी शिनाख्त के लिए विधायक जी को बुलाया जाता है। विधायक जी उस युवक को देखकर सर पर हाथ रख लेते हैं ।

दोस्तों मैं आपसे आपका नेचर बदलने की बात बिल्कुल भी नहीं कह रहा हूँ परंतु यदि ऐसे हालातों में एक बार इस बात की पुष्टि जरूर कर लेनी चाहिए कि मदद की आस में पड़ा व्यक्ति कहीं आपका कोई अपना तो नहीं है वैसे तो ऐसी स्थिति में परायों की भी हर संभव मदद करनी चाहिए परंतु उनका ना सही तो कम से कम आप अपने लोगों के बारे में ही सोचकर, मदद के लिए तड़प रहे व्यक्ति के पास जरूर जाएं और देखें कहीं वह आपका कोई अपना तो नहीं है और हो सके तो अपना बहुमूल्य समय गवा कर भी किसी ऐसे व्यक्ति की मदद‌ जरूर करें क्योंकि किसी दिन आपका कोई अपना भी इसी तरह किसी की मदद की आस में दूसरों की तरफ देख सकता है।

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Karan Mishra

करन मिश्रा को प्रारंभ से ही गीत संगीत में काफी रुचि रही है । आपको शायरी, कविताएं एवं‌‌ गीत लिखने का भी बहुत शौक है । आपको अपने निजी जीवन में मिले अनुभवों के आधार पर प्रेरणादायक विचार एवं कहानियां लिखना काफी पसंद है । करन अपनी कविताओं एवं विचारों के माध्यम से पाठको, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने का प्रयत्न करते हैं ।

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