जैसी करनी वैसी भरनी, मनोहरपुर गांव के लोगो को किसी के सुख-दुख से मतलब नहीं था उन्हें तो बस दूसरो को परेशान करने में आनंद आता था । आज उन्हें अपने इन्हीं कुकर्मों का फल मिल रहा है
गांव वालों को इस बात का पूर्ण विश्वास है कि यदि राक्षस के प्रकोप की सूचना बाबा तक पहुंच जाए तो वे हर हाल में अपनी तपस्या बीच में रोककर, उनकी मदद के लिए हिमालय से उल्टे पांव लौट आएंगे परंतु इस काम के लिए अब बहुत देर हो चुकी है क्योंकि बाबा तक संदेश पहुंचाने से लेकर उन्हें यहां तक आने में करीब 2 महीने से अधिक का वक्त लग सकता है परंतु तब तक राक्षस के प्रकोप से शायद ही कोई जीव जंतु गांव में जीवित रह सके ।
यह सब तुम लोग के बुरे कर्मों का ही परिणाम है । यदि तुम सब ने दूसरों की परेशानियों का मजा लेने, उनकी खिल्ली उड़ाने और उन पर दोष मढ़ने की बजाय, उनकी परेशानियों को अपनी परेशानी समझकर उसका हल ढूंढने की कोशिश की होती तो शायद इस समस्या के विषय में तुम सब ने मुझे और पहले ही अवगत करा दिया होता और तब शायद ये विनाश और पहले ही रूक जाता