10 अच्छी बातें जो हम सीख सकते हैं रामायण से
1) विनम्रता:
2) आत्मनिर्भरता:
3) अपनी शक्तियों का ज्ञान:
तब अंगद और जामवंत ने प्रभु हनुमान को उनकी शक्तियां याद दिलाते हुए बताया कि कैसे उन्होंने अपने बाल्यकाल में सूर्य के पास पहुंचकर उन्हें पूरा का पूरा निगल लिया था । उन्होंने यह भी बताया कि हनुमान यदि चाह ले तो इस विशाल समुद्र को भी अपने एक ही छलांग में लांघ सकते हैं । इस प्रकार उनके याद दिलाने पर हनुमान जी को अपनी भुली हुई शक्तियां याद आयी जिसके उपरांत उन्होंने उस विशाल समुद्र को पार कर लंका पहुंचे और सीता माता का पता लगाया ।
4) धैर्य:
अब जरा कल्पना करिए कि जिसके प्राणों से प्रिय उसकी पत्नी किसी राछस के चंगुल में फंसी हों ऐसी स्थिति में वो भला चार महीने तक हाथ पर हाथ धरे कैसे बैठे रह सकता है ।
5) सकारात्मकता:
6) क्षमा:
हाँलाकि राम के भाई लक्ष्मण, रावण को क्षमा करने के पक्ष में नहीं थे क्योंकि रावण ने, न सिर्फ सीता का हरण किया था बल्कि उसने जटायु का भी वध किया था और इतना ही नही उसने प्रभु हनुमान की पूंछ में आग भी लगवाई थी परंतु इतना सब होने के बाद भी प्रभु श्री राम, रावण को क्षमादान देने के पक्षधर थे क्योंकि दोस्तों क्षमा, व्यक्ति का वो गुण होता है जो उसे महान बनाता है वहीं प्रतिशोध की आग उसे गर्त में ले जाती है इसीलिए जहां तक हो सके हमेशा दूसरो को क्षमा करने की ही सोचे क्योंकि यह आपकी कायरता नहीं बल्कि आपकी महानता का कहलाएगी ।
7) सुसंगत:
यदि राम चाहते तो सुग्रीव की बजाए बाली से दोस्ती कर रावण पर आसानी से विजय प्राप्त कर सकते थे । मरने से पहले बाली ने भी स्वयं प्रभु राम से यही बात कही परंतु राम ने बाली की शक्तियों का मोह न करके सुग्रीव की सहायता ली क्योंकि बाली भी रावण की तरह ही दुराचारी था । उसने अपने ही छोटे भाई सुग्रीव की पत्नी को अपने पास रख लिया था और सुग्रीव के प्राणों का प्यासा बन बैठा था इस प्रकार बाली और रावण में कोई फर्क नहीं था ।
ऐसी स्थिति में यदि राम बाली की सहायता लेकर रावण से युद्ध करते तो वे कभी भी पुरुषोत्तम नहीं कहलाते इतना ही नहीं बाली के कुसंगत में रहकर उनमें भी उन्हीं अवगुणों का समावेश हो जाता जो बाली में था इसीलिए दोस्तों सफल होने के लिए कोई भी रास्ता इख्तियार कर लेना या किसी को भी दोस्त बना लेना उचित नहीं । यहां बहुत से ऐसे लोग आपको देखने को मिल जाएंगे जो अपने लाभ के लिए दुष्टों की भी जय जयकार लगाने से पीछे नहीं हटते ।