“चल भाग यहां से, भागता है की दू एक”
अरे भाग्यवान क्यों मार रही हो बेचारे कुत्ते को, आखिर ये भी तो ईश्वर का ही बनाया एक प्राणी है”
पुष्पा “अपना यह ज्ञान जाकर अपने दोस्तों को सुनाइएगा मुझे मत बताइए कि मुझे क्या करना है और क्या नही, अगर इसने इतने ही अच्छे कर्म किए होते तो इसे यहाँ कुत्ते का जन्म नहीं मिलता”
पुष्पा का पति जो पेशे से सुनार है वह उसे बहुत समझाता है परंतु पुष्पा उसकी एक नहीं सुनती है और कुत्ते को कसके एक डंडा लगा ही देती है । पुष्पा कुत्तो से काफी घृणा करती है । वहीं पुष्पा का पति सभी जीवों को समान समझने की बात कहता है परंतु पुष्पा उसकी इन बातों को फालतू का भाषण समझ कर उसे हमेशा चुप रहने को कहती है ।
“हे प्रभु आप मुझे इस बार क्या बनाने वाले हैं”
तब भगवान कहते हैं
यह सुनते ही पुष्पा को सांप सूघ गया उनसे कहा
‘नहीं-नहीं, प्रभु मुझे कुत्तिया का जन्म नहीं चाहिए अगर हो सके तो आप मुझे कुछ दिन यही रहने दे”
तब प्रभु उसे समझाया
“यहां उपस्थित सभी जीव मेरे द्वारा ही बनाए गए हैं इसलिए उनमें किसी प्रकार का कोई भेद करना अनुचित है । तुम्हें तुम्हारे कर्मों के हिसाब से जो योनि प्राप्त हो रही है उसे सहर्ष स्वीकार करो”
परंतु पुष्पा कुत्तिया का जन्म लेने के लिए राजी नही थी वह कहती है
तब प्रभु ने कहा
“तुम एक बार कुतिया का जन्म ले कर देखो अगर तुम्हें कुतिया का जीवन ठीक नहीं लगा तो मैं तुम्हें पुनः वापस बुला लूंगा”
पुष्पा फिर भी तैयार नहीं होती है परंतु भगवान के बार-बार कहने पर वह मान जाती है और वह पृथ्वी पर कुत्तिया के रूप में पुनर्जन्म प्राप्त करती है उसके जन्म लेने के कुछ दिनों बाद प्रभु उसके समक्ष प्रकट होते हैं और उससे कहते हैं हमारी लेटेस्ट (नई) कहानियों को, Email मे प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें. It’s Free !
“अपने वादे के मुताबिक मैं यहां आ गया हूँ अब बताओ तुम कुत्तिया के रूप में यहां जीना चाहोगी या मेरे साथ वापस चलोगी”
तब वह कहती है
कहानी से शिक्षा | Moral Of This Best Inspirational Story In Hindi
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