कुणाल और फिरोज ग्रेजुएशन की पढ़ाई खत्म करके अपने जीवन के नए सपने बुन रहे है । पढ़ाई खत्म करने के बाद दोनों दोस्तों एक ऑटोमोबाइल्स की दुकान खोलते हैं। एक दिन वहां एक बुजुर्ग आता है पहनावे-ओढ़ावे एवं हाव-भाव से वह काफी अच्छे परिवार का लग रहा है। वह उस बुजुर्ग से पूछते हैं “सर क्या काम है, हमें बताइए”
वह कहता है “मुझे कोई काम नहीं करवाना बल्कि मै भी ऐसी ही एक दुकान डालने की सोच रहा हूं पर सोचता हूं की वर्करो के साथ साथ अगर मुझ में भी इस काम का कुछ हुनर हो तो ज्यादा अच्छा होगा यहा आपकी दुकान खुली तो सोचा क्यों न दुकान डालने से पहले आपके यहां ही कुछ काम सीख लू”
उस बुजुर्गों की बात सुनते ही दोनों दोस्त मुंह फाड़ कर हंसना शुरु कर देते हैं। सारा वातावरण उनके हंसी ठहाको से गूज उठता है, वहां उपस्थित सभी लोग बड़ी आश्चर्य भरी निगाहों से उन्हे देखने लगते हैं।
वो बुढा भी चकित रह जाता है, फिर फिरोज ही पूछता है
“सर आपकी उम्र क्या होगी” बुजुर्ग बताता है कि वह 78 साल का हो चुका है।
इस बात को सुनकर दोनों की हंसी रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी। थोड़ी देर हंसने के बाद फिरोज ने कहा
एक पैर कब्र में हैं और चले हैं गाड़ी का काम सीखने थोड़ी देर ठहरने के बाद बुजुर्ग ने फिरोज से पूछा
“तुम्हारी दुनिया में आने की तारीख क्या थी”
फिरोज ने बताया 13 जनवरी 1995 बता कर वह फिर हंसने लगा।
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बुजुर्ग ने मुस्कुराकर फिर पूछा
“और तुम्हारी दुनिया से जाने की तारीख क्या है” फिरोज यह सुनकर थोड़ा नाराज हुआ उसने पूछा
“यह कौन बता सकता है। क्या आप दुनिया से अपनी जाने की तारीख बता सकते हैं।”
बुजुर्ग “नहीं”
फिरोज “तो फिर आप हमसे यह बेतुका सा सवाल क्यों पूछ रहे हैं।”
बुजुर्ग “बिल्कुल सही यहा दुनिया में आने की तारीख सबको पता है पर दुनिया से जाने की डेट किसी को नहीं पता”
“अब यह कौन तय करेगा कि मेरे पास और कितना वक्त है।
ये तुम तय करोगे…. या मैं”
बुजुर्ग की बातें सुनकर दोनों के दोनों बिल्कुल खामोश हो गए और उस बूढ़े की बातें बड़े गौर से सुनने लगे बूढ़े व्यक्ति ने कहा….
” हो सकता है कि, मेरे जाने का समय निकट हो
और ये भी हो सकता है कि मैं तुम सबसे ज्यादा जिऊ” ।
कहानी से शिक्षा
किसकी जिंदगी कितनी लंबी है जब ये बात कोई नहीं जानता तो क्यों न हम जिंदगी को इस तरह जिए जैसे कि हमे हमेशा जीना है , न की इस तरह जिये जैसे की हम को कल ही मरना है।