सौतेली मां की कहानी | सौतेली मां को मिला ईष्या का फल

सौतेली मां की प्रेरणादायक कहानी | सौतेली मां को उसकी ईष्या का फल मिला। Motivational Story of Stepmother in Hindi. कैसा हो सौतेली मां की व्यवहार, कहानी

Short Motivational Story of Stepmother in Hindi

लक्ष्मण एक सरकारी स्कूल में टीचर था । उसके मां बाप कुछ साल पहले ही एक दुघर्टना में मर जाते है । इस दुख से अभी वह बाहर निकला ही था कि तभी उसके लिए बहुत से रिश्ते आने लगते है । एक तो सरकारी नौकरी और दूसरा अकेला होने के नाते रिश्तो की लाइन लग जाती है । लेकिन अभी वह शादी नहीं करना चाहता था ।
एक दिन उसके मामा उसके लिए एक रिश्ता लेकर आते हैं  परंतु वह उनकी उम्र का लिहाज कर मना नहीं कर पाता है और शादी कर लेता है ।
लक्ष्मण की शादी उर्मिला से हो जाती हैं । सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा होता है लेकिन कई साल हो जाने पर भी उर्मिला की कोई औलाद नहीं होती अब तो मोहल्ले वाले, रिश्तेदार सब ताना कसने लगते हैं । जिसे सुनकर ना तो उर्मिला रह पाती है और ना ही लक्ष्मण

एक दिन उर्मिला लक्ष्मण से उसकी दूसरी शादी के लिए कहती है । लक्ष्मण पहले तो तैयार नहीं होता लेकिन पत्नी के बार-बार आग्रह करने पर वह औलाद के खातिर दूसरी शादी करने के लिए तैयार हो जाता है । अब तीनों बहुत खुशी से रहने लगते हैं ।

साल बीतते बीतते उनका आंगन बच्चे की किलकारियों से गूंज उठता है । उर्मिला लव को बहुत प्यार करती है । वह जो कुछ भी बनाती तो सबसे पहले उसे लव को खिलाती बाद में सब खाते हैं परंतु लव के कदम उर्मिला के लिए भी काफी शुभ साबित होते हैं और कुछ ही दिनो बाद उसे मां बनने का सौभाग्य प्राप्त होता है जिसका नाम वह कुश रखती है । 
अब तो घर में जो भी कुछ आता है उर्मिला उसे छुपाकर पहले अपने बेटे के लिए रखती, खासकर काजू, जो कुश को बहुत पसंद था और उसके बाद यदि कुछ बचता तो वह लव को मिलता । उर्मिला कुश को बहुत प्यार करती थी क्योंकि वह उसकी अपनी औलाद थी परंतु लक्ष्मण की दूसरी पत्नी सुधा  कब तक यह सब बर्दाश्त करती । एक दिन वह लक्ष्मण से कहती है कि 

देखिए जी मेरे बच्चे को तो कुछ भी नहीं मिल रहा, दीदी सारा दूध व काजू बादाम, चुरा कर अपने पास रख लेती हैं, ऐसे तो लव कमजोर रह जाएगा

तब से लव और कुश के लिए अलग-अलग सामान आने लगा परंतु उर्मिला से यह सब सहन नही होता । एक दिन वह बड़े ही मन से खीर बनाती है और बाहर खेल रहे लव और कुश को वह खीर दे आती है परंतु खीर से भरे जिस कटोरे को उसने लव को ठमाया है, उसमें उसने जहर मिला रखा है

परन्तु इन सबके बीच वह यह भूल जाती है कि उसके बेटे को काजू बहुत पसंद है और जो लव की खीर में तैर रहे हैं जिसके कारण कुश अपने भाई लव से उसका खीर मांग लेता है इसप्रकार उर्मिला का पासा उलटा पड़ जाता है । खीर को खाते ही कुश का शरीर नीला पड़ने लगता है और आखिरकार उर्मिला की गोद एकबार फिर सुनी हो जाती है ।

सौतेली मां की  प्रेरणादायक कहानी से शिक्षा 


दुनिया में मां का दर्जा भगवान से कम नहीं है इस पावन मां के स्थान को पाने के लिए किसी बच्चे को अपने कोख से जन्म ही दिया जाए यह जरूरी नही है । यद्यपि कृष्ण को यशोदा ने अपने कोख से जन्म नहीं दिया था परंतु फिर भी उन्होंने कृष्ण को अपने पुत्र की भाँति ढेर सारा प्यार और दुलार दिया । उन्होंने अपने स्नेह से सौतेले और सगे के बीच का अंतर ही समाप्त कर, मां की एक नई परिभाषा गढ़ी जिसके नाते ही लोग देवकी से ज्यादा यशोदा को ही भगवान कृष्ण की माता के रूप में जानते हैं परंतु बहुत सी माताए ऐसी हैं जो इतने सुंदर उदाहरण को भी नहीं समझ पाई है, वे आज भी अपने और पराए में फर्क करती हैं जिस बच्चे ने आपको एकबार भी मां कहके पुकारा हो उसके लिए आपके मन में किसी भी प्रकार की ईष्या या अपने पराए का भाव भला कैसे हो सकता है ।

दोस्तों सौतेले और सगे का फर्क कभी मत कीजिए जो हमें हमारी तकलीफो मे याद करे वही हमारा सगा है वरना कभी-कभी तो सगे भी दगा दे जाते हैं, वर्षों की तपस्या को एक पल में चूर कर जाते हैं वहीं कभी-कभी सगों से भी ज्यादा सौतेले काम आते हैं इसीलिए सगे और सौतेले का फर्क छोड़ दे और यदि मां हैं तो सिर्फ मां का फर्ज निभाएं और सबको बराबर का प्यार दें !

author

Karan Mishra

करन मिश्रा को प्रारंभ से ही गीत संगीत में काफी रुचि रही है । आपको शायरी, कविताएं एवं‌‌ गीत लिखने का भी बहुत शौक है । आपको अपने निजी जीवन में मिले अनुभवों के आधार पर प्रेरणादायक विचार एवं कहानियां लिखना काफी पसंद है । करन अपनी कविताओं एवं विचारों के माध्यम से पाठको, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने का प्रयत्न करते हैं ।

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