हरतालिका तीज (hartalika-teej ) हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण (Important) है । इस व्रत की खास बात यह है कि इसे अधिकतर महिलाएं (ladies) ही रहा करती हैं । इस व्रत को कुंवारी लड़कियां, महिलाएं और विधवाएं सभी रह सकती हैं । अगर किसी कारण से कोई महिला इस व्रत (fast) को नहीं रह पाती है तो ऐसी स्थिति में उसकी जगह उसका पति (husband )भी यह व्रत रह सकता है । इस व्रत की सबसे खास बात यह है कि इस व्रत में स्त्रियां पानी (water ) तक ग्रहण नहीं करती स्त्रियां सारा-सारा दिन बिना जल ग्रहण किए इस व्रत को पूरा करती हैं । इस व्रत मे भगवान शंकर और पार्वती जी (Lord Shankar and Parvati ji ) की उपासना की जाती है । शंकर जी को वर के रूप में प्राप्त करने के लिए पार्वती जी ने तीन दिनों तक कठोर तपस्या की थी इसीलिए इस व्रत में स्त्रियां एक ही दिन में तीन बार स्नान करती हैं ।
हरतालिका तीज भाद्रपद मास या भादव महीने के शुक्ल पक्ष के तृतीया तिथि अर्थात तीसरे दिन (third day) मनाया जाता है ।
हरतालिका तीज 2020 मे कब है
वर्ष 2020 में हरतालिका तीज 21 अगस्त (August) 2020, दिन शुक्रवार (Friday) को मनाया जाएगा ।
हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त क्या है ?
सुबह (morning ) 05:55 मिनट से सुबह 08:32 मिनट तक
एवं
शाम (evening) 06.55 मिनट से 09.04 मिनट तक
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हरतालिका तीज की खास बातें
इस व्रत में स्त्रियां पूरा दिन और पूरी रात निर्जला उपवास(Anhydrous fast) करने के साथ ही वे तीन बार स्नान करती हैं । शाम को नहा धोकर प्रभु शिव और पार्वती की पूजा ( prayer) करती हैं इस व्रत को कभी भी बीच में खंडित (Fragmented) नहीं किया जा सकता । यदि कोई स्त्री किन्ही कारणवश व्रत नहीं रह पा रही हो तो ऐसी स्थिति में उसका पति, उसकी जगह इस व्रत को रख सकता है ।
हरतालिका तीज की पूजन विधि
पूरा दिन व्रत रहने के बाद शाम को महिलाएं नहा धोकर शिव मंदिरों में जाकर प्रभु शिव और पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं तथा कथा सुनती हैं जो स्त्रियां पूरी रात नीराजल नहीं रह पाती तो वे रात्रि 12:00 बजे के बाद जल ग्रहण (water uptake) कर सकती हैं
हरतालिका तीज व्रत की कथा
हरतालिका तीज भगवान शिव की पूजा है । एकबार माता पार्वती ने भगवान शिव को वर (bridegroom)
के रूप मे प्राप्त करने के लिए काफी कठोर तपस्या (Quite austerity) की थी । उन्होंने नदी के किनारे बैठ कर, भूखे-प्यासे रहकर कई दिनों तक तपस्या की थी उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर प्रभु शिव ने उनके समक्ष दर्शन (visit) दिया और उनकी इच्छाओं को स्वीकार (Acceptance) कर लिया ।
के रूप मे प्राप्त करने के लिए काफी कठोर तपस्या (Quite austerity) की थी । उन्होंने नदी के किनारे बैठ कर, भूखे-प्यासे रहकर कई दिनों तक तपस्या की थी उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर प्रभु शिव ने उनके समक्ष दर्शन (visit) दिया और उनकी इच्छाओं को स्वीकार (Acceptance) कर लिया ।
हरतालिका तीज का महत्व
हरतालिका तीज विशेष रूप से पत्नियां (wife’s) पति के लिए रहा करती हैं । वे भगवान शिव को प्रसन्न करके अपने पति के दीर्घायु (Husband’s longevity) की कामना करती है । इसके लिए वे इतना कठोर तप करती हैं और लगभग 24 घंटे निराजल व्रत रहती है ।
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