मैं लिखता कुछ और हूं लिखा कुछ और जाता है,
मैं लिखता कुछ और हूं लिखा कुछ और जाता है,

मैं लिखता कुछ और हूं लिखा कुछ और जाता है । करन मिश्रा । शायरी

मैं लिखता कुछ और हूं लिखा कुछ और जाता है,
करुं ना करूं जिक्र उसका हो ही जाता है।
हर तरफ बिखरी हुई है खुशबू उसके आंचल की,
गर मै सांस भी लेता हूं तो वो महक ही जाता है.

Mai likhata kuchh aur hun likha kuchh aur jata hai,
Karun na karun jikra uska ho hi jaata hai.
Har taraf bikhari hue hai khushboo uske anchal ki,
Mai sans bhi leta hun to vo mahak hi jaata hai.

मैं लिखता कुछ और हूं लिखा कुछ और जाता है,
मैं लिखता कुछ और हूं लिखा कुछ और जाता है,



• Best शायरी यहाँ पढें

• Best Love शायरी यहाँ पढें

• Best Sad शायरी यहाँ पढें



author

Karan Mishra

करन मिश्रा को प्रारंभ से ही गीत संगीत में काफी रुचि रही है । आपको शायरी, कविताएं एवं‌‌ गीत लिखने का भी बहुत शौक है । आपको अपने निजी जीवन में मिले अनुभवों के आधार पर प्रेरणादायक विचार एवं कहानियां लिखना काफी पसंद है । करन अपनी कविताओं एवं विचारों के माध्यम से पाठको, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने का प्रयत्न करते हैं ।

इन्हें भी पढें...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!