मोहब्बत के रंग आज दाग हो गए | शायरी | करन मिश्रा
मोहब्बत के रंग आज दाग हो गए | शायरी | करन मिश्रा

मोहब्बत के रंग आज दाग हो गए | शायरी | करन मिश्रा

मोहब्बत के रंग आज दाग हो गए,
वो हाथ छुड़ाकर बेदाग हो गए।
हमें भूल चले वो गुजरे जमाने की तरह,
हम भूला ना सके और दागदार हो गए।

उन्हें मनाने की जिद्द-ओ-जहद जारी रखी हमने,
बस यहीं एक गुनाह किया और गुनाहगार हो गए।
मोहब्बत के रंग आज दाग हो गए… ..

Mohabbat Ke Rang Aaj Daag Ho Gaye,
Vo Hath Chhudakar Bedaag Ho Gaye.
Hame Bhul Chale Vo Gujare Jamane Ki Taraha,
Ham Bhula Na Sake Aur Dagdar Ho Gaye.

Unahe manane jidd-o-jahd jaree rakhhi hamane,
Bas yahi ek gunah kiya aur gunahgar ho gaye.
Mohabbat Ke Rang Aaj Daag Ho Gaye… ..

मोहब्बत के रंग आज दाग हो गए  | शायरी | करन मिश्रा
मोहब्बत के रंग आज दाग हो गए | शायरी | करन मिश्रा
मोहब्बत के रंग आज दाग हो गए  | शायरी | करन मिश्रा
मोहब्बत के रंग आज दाग हो गए | शायरी | करन मिश्रा



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Karan Mishra

करन मिश्रा को प्रारंभ से ही गीत संगीत में काफी रुचि रही है । आपको शायरी, कविताएं एवं‌‌ गीत लिखने का भी बहुत शौक है । आपको अपने निजी जीवन में मिले अनुभवों के आधार पर प्रेरणादायक विचार एवं कहानियां लिखना काफी पसंद है । करन अपनी कविताओं एवं विचारों के माध्यम से पाठको, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने का प्रयत्न करते हैं ।

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