दहेज उत्पीड़न पर दिल को छू लेने वाली कहानी | Story On Divorce In Hindi धू धू कर जलती चिता की लपटें आसमान को भी निगल जाने को व्याकुल दिख रही थीं । लेकिन धीरे धीरे श्मशान की खामोशी में लपटों ने भी दम तोड़ दिया । लगभग खाली हो चुके श्मशान में एक […]
Short Story And Speech On Women’s Empowerment And Women’s Day In Hindi रिक्सा रूकते ही पगली आकर खड़ी हो गई । दुर्बल शरीर, मैले कपड़े, बेतरतीब से बिखरे बालों में एक हाथ डाले, दूसरे हाथ को फैलाए खड़ी हो गई, रास्ता रोक कर। “पगली ” मैं मन ही मन बुदबुदाई ।दरअसल ये उसकी रोज […]
जिंदगी का पत्ता पैर से रौंदे हुए घास फिर से उग आतें हैं, मगर हाथों से तोड़े पत्ते हमेशा बिखर जाते हैं, बिखरे पत्ते उठाने का काम शायद हीं कोई करता है मगर करीब आने वाले हमेशा पत्ते तोड़ जाते हैं, हवा के किसी झोंके से पत्ते आसमान छूतें हैं और कभी-कभी गर्त में गिर […]
एक छोटी सी चींटी रास्ते में जा रही थी। उसके घरौंदे को कुछ उदण्ड बच्चों ने तोड़ दिया था, इस कारण वह बहुत परेशान थी और वह किसी ऐसे आदमी की खोज में थी जो उसकी सहायता कर सके। गुड्डू मछुहारा राजा से मिलने उनके दरबार में जा रहा था। उसके पास मोतियों से भरे […]
Poet प्रेरणा गहलोत यह कविता प्रेरणा कुमारी द्वारा लिखी गई है | प्रेरणा कुमारी बेगूसराय, बिहार की रहने वाली है | समाज की बुराइयों पर कुठाराघात करना आपकी कविताओं की प्रमुख विशेषता है |
विंध्याचल पर्वत की तलहटी में कालीपुर नाम का एक छोटा सा गांव था। उस गांव में राधेश्याम नाम का एक किसान अपने छोटे से परिवार के साथ रहता था। राधेश्याम की पत्नी विनीता बहुत ही मृदु स्वभाव की विदुषी महिला थी। राधेश्याम और उनकी अर्धांगिनी दोनों ही माँ भगवती के परम उपासक थे। उनके दो […]
हँसता मुस्कुराता चेहरा, नाकाम वादों की इनायत है , कुछ पूरे हुए कुछ अधूरे रह गए , ऐसे ख़्वाबों की गुज़ारिश है , ना जाने किस मोड़ पे मिल जाए फिर , और मुँह मोड़ ले हम । Poet VANDANA LAL यदि आप के पास कोई कहानी, शायरी , कविता विचार या कोई जानकारी ऐसी है जो आप यहाँ प्रकाशित […]
*अधूरे सपने* वक्त ऐसा हो कि हाथ में तेरा हाथ हो सैर करें दुनिया की जब तू मेरे साथ हो सुना है कभी ना कभी होते हैं सपने पूरे पर मेरे तो कुछ सपने आज भी हैं अधूरे काश तू भी हमारा कभी कुछ यूं इंतजार करें याद कर हमें तू मिलने की आहे भरे […]
तकलीफ़ की पोटली प्रेरणा गहलोत की दर्द भरी कविता तकलीफ़ एक हो तो बताऊं तकलीफ़ की पोटली किस किस को दिखाऊं उठाए नहीं उठते हैं अब ये इसे और कहां तक ले जाऊं आने वाले ग़मो का इल्म नहीं है इसमें और क्या क्या छुपाऊं भारी तो पहले से हीं है इसे क्या और […]
गजल सी सूरत गुजरा जब इन हवाओं से में ये तेरी याद दिलाती हैं , यह हवाएं जब पत्तो से होकर आवाज करती हैं तेरी बातो की याद दिलाती हैं , ये जो हिलते हैं पत्ते दांय से बांय तेरी अदाओं की याद दिलाती है , जब गिरते हैं सुखे पत्ते पेड़ से तेरी उदासी […]