साये से किरदार छुपाना मुश्किल है | करन मिश्रा | शायरी

साये से किरदार छुपाना मुश्किल है, अपनो से हर राज छुपाना मुश्किल है। बेशक रख सकते हो मुखौटा नियत पर, नज़रो पर नक़ाब लगाना मुश्किल है। Saye Se Kirdaar Chhupana Mushkil Hai, Apno Se Har Raj Chhupana Mushkil Hai. Beshak Rakh Sakte Ho Mukhauta Niyat Par, Najaro Par Nakaab Lagana Mushkil Hai.

रूह की प्यास नहीं जाती | करन मिश्रा | शायरी

जिस्म की प्यास तो बुझ जाती है रूह की प्यास नहीं जाती, झूठे फरेबी रिश्तों से कभी प्यार की प्यास नहीं जाती। प्यार की प्यास बनी रहती है जलते बुझते रिश्तों में, आधी उमर गुजर जाती है फिर भी आस नहीं जाती। Jism Ki Pyas To Bujh Jati Hai Ruh Ki Pyas Nahi Jati, Jhuthe […]

अपने ही हाथों इस दिल को दुखाया है मैंने । करन मिश्रा । शायरी

अपने ही हाथों इस दिल को दुखाया है मैंने, ज्यादा कुछ नहीं, हां ईश्क किया है मैंने. Apane Hee Haathon, Is Dil Ko Dukhaaya Hai Mainne. Jyaada Kuchh Nahin, Haan Ishq Kiya Hai Mainne.

वक़्त गुजर जाता है पर कुछ जख्म नहीं भर पाते । करन मिश्रा । शायरी

वक़्त गुजर जाता है पर कुछ जख्म नहीं भर पाते, खाक हुए सपनों को फिर से पंख नहीं लग पाते. धीरे-धीरे ठंडी पड़ जाती है आग लगन की, टूटे डाली के फुल फ़िज़ा में फिर से ना खिल पाते. Waqt Gujara Jata Hai Par Kuchh Jakhma Nahi Bhar Pate, Khak Hue Sapno Ko Fir Se […]

मैं लिखता कुछ और हूं लिखा कुछ और जाता है । करन मिश्रा । शायरी

मैं लिखता कुछ और हूं लिखा कुछ और जाता है, करुं ना करूं जिक्र उसका हो ही जाता है। हर तरफ बिखरी हुई है खुशबू उसके आंचल की, गर मै सांस भी लेता हूं तो वो महक ही जाता है. Mai likhata kuchh aur hun likha kuchh aur jata hai, Karun na karun jikra uska […]

हमारे तुम नहीं होते, तुम्हारे हम नहीं होते । करन‌ मिश्रा । शायरी

हमारे तुम नहीं होते, तुम्हारे हम नहीं होते, खुदा जो साथ ना देता तो ये मंजर नहीं होते । दुआओं में हमेशा हमने बस तुमको ही मांगा था, दुआ खाली जो रह जाती तो हम तुम संग नही ।

एक वक्त ऐसा भी आएगा । करन मिश्रा । शायरी

नहीं मालूम था एक वक्त ऐसा भी आएगा, तुम्हे देखे हुए मुझे एक जमाना बीत जाएगा। तुम्हारी यादों में जीते हुए गुजरेंगे मेरे दिन, तेरी यादों का हर किस्सा मुझे पल पल रूलाएगा।

मेरी मम्मा भी सो गई, मेरे पापा भी सो गए । करन मिश्रा | शायरी

मेरी मम्मा भी सो गई, मेरे पापा भी सो गए जिसने चलना सिखाया था कहा जाने वो खो गए कभी जो लड़खडाया मै तो उसने ही सम्भाला था मेरी गीली सी आखों को, उसने हसना सिखाया था, न कोई आरजू है अब, न कोई अरमान बाकी है, मै जिन्दा हूँ यहाँ लेकिन न मुझमें जान […]

कोई हो न हो तुम हो ना | करन‌‌ मिश्रा | शायरी

जब दिखता नहीं है अपना कोई तो सोचता हूँ तुम हो ना, जब दुखाता है दिल अपना कोई तो सोचता हूँ तुम हो ना । ताश के पत्तों की तरह बिखर जाता हूँ कभी मै भी मगर, संवर जाता हूँ ये सोचकर कोई हो न हो तुम हो ना । Jab dikhata nahi hai apna […]

तेरी जादू में वो पहले जैसा असर नही | करन मिश्रा | शायरी

अब पहले जैसा वो मंज़र नही, तेरी आँखों में वो‌‌ जंतरमंतर नही. जिसके जादू में फसकर बन गया था दीवाना कभी, तेरी जादू में वो पहले जैसा असर नही. Ab pahle jaisaa vo manjar nahi, Teri aakho me vo jantar mantar nahi. Jiske jadu me faskar bangaya tha diwana kabi, Teri jadu me vo pahale […]

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