अब समझाना छोड़ दिया, उनको मनाना छोड़ दिया, उनके लौट आने की आस लिए, पीछे-पीछे जाना छोड़ दिया। रोना गाना छोड़ दिया, उनको फुसलाना छोड़ दिया, बात बात पे सच्चा झूठा, प्यार जताना छोड़ दिया। गाना वाना छोड़ दिया, उनको रिझाना छोड़ दिया। जिस गली में था घर उनका, उस गली से जाना छोड़ दिया। […]
न जाने कौन सी बात आखिरी हो, न जाने कौन सी रात आखिरी हो। ठहर के मिल लो घड़ी दो घड़ी क्योंकि, न जाने कौन सी मुलाकात आखिरी हो। Na Jane Kaun Si Baat Aakhiri Ho, Na Jane Kaun Si Raat Aakhiri Ho. Thahar Ke Mil Lo Ghadi Do Ghadi kyonki, Na Jane Kaun Si […]
मोहब्बत के रंग आज दाग हो गए, वो हाथ छुड़ाकर बेदाग हो गए। हमें भूल चले वो गुजरे जमाने की तरह, हम भूला ना सके और दागदार हो गए। उन्हें मनाने की जिद्द-ओ-जहद जारी रखी हमने, बस यहीं एक गुनाह किया और गुनाहगार हो गए। मोहब्बत के रंग आज दाग हो गए… .. Mohabbat Ke […]
खुदा से भी ये गिला नहीं कि तू मुझे क्यूँ मिला नहीं, जो मिला मेरा वो नसीब था ये नसीब ही है कि तू मिला नहीं। मुझे एक खुशी की तलाश में तेरे दर्द-ओ-ग़म का जहां मिला, तेरा दर्द ही गर मिल गया फिर क्या गिला कि तू मिला नहीं। Khuda Se Bhi Ye Gila […]
तुम भी मुझको भूल गई हो थोड़ा थोड़ा, मैं भी तुझको भूल गया हूं थोड़ा थोड़ा, साम को अक्सर आ जाती थी हिचकी मुझको, हिचकी आनी कम हुई है थोड़ा थोड़ा। जिस्म को जब कभी छू जाती थीं सर्द हवाएं, याद तुम्हारी आ जाती थी थोड़ा थोड़ा। रूठे जो तुम रूठ गया है बसंत का […]
ऐ हाल तेरे हाल पे रोना आया, इस दिल के हर सवाल पे रोना आया । जब जा रही थी वो मुझे तन्हा करके, मैं कुछ न कर सका मुझे रोना आया। शाखों से लीपटी हुई यादें उसकी, अब पूछती हैं क्या बची हसरत तेरी। मै कपकपाते हुए इन होठों से, कुछ भी ना कह […]
बुझा दो चिरागों को मुझे उजालो से डर लगता है, सच कहूँ तो अब मेरा अँधेरों में ही मन लगता है। न खोलो खिड़कियां कहीं कोई खुशी आ ना जाए, मुझे तो अब गम से ज्यादा खुशियों से ही डर लगता है। Bujha Do Chiragon Ko Mujhe Ujalo Se Dar Lagata Hai, Sach Kahun To […]
खुशनसीबी है मेरी कि तू बेदर्द मिल गया, मुझे तू ना सही पर तेरा दर्द मिल गया। गैरों से अब मैं शिकवा करूं भी तो क्या, जब मुझको तेरे जैसा हमदर्द मिल गया। Khushnaseebi Hai Meri Ki Tu Bedard Mil Gaya, Mujhe Tu Na Sahi Par Tera Derd Mil Gaya. Garon Se Ab Mai Shikwa […]
ये सच तो है मगर पूरा सच नहीं, तुझे भूल भी गया हूं और भूला भी नहीं। तेरे बगैर जी को अब लगा लिया है मैंने, जी लगा भी लिया है और जी कहीं लगा भी नहीं। जबसे गए हो तन्हा मुझे छोड़कर यहां, मैं जिंदा तो हूं बेशक पर जिंदा भी नहीं। Ye Sach […]
दिखावे के रिश्ते दिखावे में रह गए, हम बस ऐसे रिश्तों को बचाने में रह गए। कभी मतलब से रूठे कभी मतलब से माने, हम नासमझ उनको मनाने में रह गए। Dikhawe Ke Rishte Dikhawe Me Rah Gaye, Ham Bas Aise Rishton Ko Bachane Me Rah Gaye. Kabhi Matlab Se Ruthe Kabhi Matalab Se Mane, […]