ख्वाबों के जिद्द-ओ-जहद से, गर्दिश में ज़िन्दगी है। किसको खबर है उसकी, ये रात आखिरी है। हर शख्स है भरम में, हर किसी पर नशा छाया। किसको खबर है उसकी, ये बात आखिरी है। सफर की मुश्किलों से, फुरसत कभी नहीं है। किसको खबर ये उनकी, मुलाक़ात आख़िरी है। गर हो सके जो मुमकिन, इस […]
रात कितनी भी काली हो, सवेरा होता जरूर है। जो किस्मत में होता है, एकदिन मिलता जरूर है। Raat Kitani Bhi Kali Ho, Savera Hota Jarur Hai. Jo Kismat Me Hota Hai, Ekdin Milta Jarur Hai.
जुल्फों को लटकने दो गालों से अच्छा लगता है, माथे पे बिंदियां आखों में काजल अच्छा लगता है। वैसे इस गुलिस्ताँ में हैं गुल के हजारों रंग, तेरे गालों का गुलाबी रंग मुझे अच्छा लगता है। तेरी मेहदीं का गाढ़ा रंग मुझे अच्छा लगता है, तेरी चूड़ी और कंगन मुझे अच्छा लगता है, लगती जन्नत […]
मिलो गर मुझे तो उम्र भर के लिए, ये चन्द लम्हों की मुलाकात अच्छी नहीं लगती। करनी है गुफ़्तुगू तुमसे सारी सारी रात, ये आधी अधूरी बात अच्छी नहीं लगती। Milo Gar Mujhe To Umra Bhar Ke Liye, Ye Chand Lamhon Ki Mulakaat Achhi Nahi Lagati. Karani Hai Guftagu Tumse Sari Sari Raat, Ye Adhi […]
दिल किसी के इश्क़ से गुलजार होना चाहिए, एक बार ही सही पर प्यार होना चाहिए। जरूरतें जिंदगी की और भी हैं मगर, सब प्यार के आगे दरकिनार होना चाहिए। इंतज़ार होना चाहिए बेकरार होना चाहिए, उनके रूबरू इश्क का इज़हार होना चाहिए। वो माने ना माने ये बात और है मगर, उनको मनाने की […]
इकरार होना चाहिए इज़हार होना चाहिए, तेरे दिल पे बस मेरा इख्तियार होना चाहिए। वैसे तो बहुत नेमतें हैं इस जहान में, जीने के लिए बस तुम्हारा प्यार होना चाहिए। इन्तजार होना चाहिए बेकरार होना चाहिए, तेरा दिल मेरे इश्क में बिमार होना चाहिए। प्यार करता हूँ जितना मैं तुमसे सनम, तुमको मुझसे भी उतना […]
देखने के लिए उधर देखना जरूरी नहीं, जिधर वो हैं उधर देखना जरूरी नहीं। मैं आखें मुंदकर कर सकता हूं दीदार उनका, उनके दीदार को किधर भी देखना जरूरी नहीं। Dekhane Ke Liye Udhar Dekhana Jaruri Nahi, Jidhar Vo Hain Udhar Dekhana Jaruri Nahi. Mai Aakhein Mundakar Kar Sakta Hun Didar Unka, Unke Didar Ko […]
क्या खूब मजा है जीने में, जब आग लगी हो सीने में। होठों से पीना क्या पीना, जो मजा है आंख से पीने में। Kya Khoob Maja Hai Jeene Mein, Jab Aag Lagee Ho Seene Mein. Hothon Se Peena Kya Peena, Jo Maja Hai Aankh Se Peene Mein.
गुलाबों सा खिलना जरूरी था क्या, इतना निखरना जरूरी था क्या, सांसे थम सी गई आज देखा जो तुमको, इतना सजना सँवरना जरूरी था क्या। Gulaabon Sa Khilana Jaruri Tha Kya, Etana Nikharana Jaruri Tha Kya, Sanse Tham Si Gaee Aaj Dekha Jo Tumko Etana Sajna Savarana Jaruri Tha Kya.
मैं लिखता कुछ और हूं लिखा कुछ और जाता है, करुं ना करूं जिक्र उसका हो ही जाता है। हर तरफ बिखरी हुई है खुशबू उसके आंचल की, गर मै सांस भी लेता हूं तो वो महक ही जाता है. Mai likhata kuchh aur hun likha kuchh aur jata hai, Karun na karun jikra uska […]