हाले दिल उन्हें सुनाकर भी क्या फ़ायदा |शायरी | करन‌ मिश्रा

हाले दिल उन्हें सुनाकर भी क्या फ़ायदा, दिल के जख्म उन्हें दिखाकर भी क्या फ़ायदा। जिन्हे परवाह नहीं कोई मेरे जीने या मरने की, उन्ही के रूबरू दो अश्क बहाकर भी क्या फ़ायदा। Hale Dil Unhe Sunakar Bhi Kya Fayada, Dil Ke Jakhm Unhe Dikhakar Bhi Kya Fayada. Jinhe Parwah Nahi Koi Mere Jeene Ya […]

सच्चा झूठा प्यार जताना छोड़ दिया | शायरी | करन मिश्रा

अब समझाना छोड़ दिया, उनको मनाना छोड़ दिया, उनके लौट आने की आस लिए, पीछे-पीछे जाना छोड़ दिया। रोना गाना छोड़ दिया, उनको फुसलाना छोड़ दिया, बात बात पे सच्चा झूठा, प्यार जताना छोड़ दिया। गाना वाना छोड़ दिया, उनको रिझाना छोड़ दिया। जिस गली में था घर उनका, उस गली से जाना छोड़ दिया। […]

जीने के लिए बस तुम्हारा प्यार होना चाहिए | शायरी | करन‌ मिश्रा

इकरार होना चाहिए इज़हार होना चाहिए, तेरे दिल पे बस मेरा इख्तियार होना चाहिए। वैसे तो बहुत नेमतें हैं इस जहान में, जीने के लिए बस तुम्हारा प्यार होना चाहिए। इन्तजार होना चाहिए बेकरार होना चाहिए, तेरा दिल मेरे इश्क में बिमार होना चाहिए। प्यार करता हूँ जितना मैं तुमसे सनम, तुमको मुझसे भी उतना […]

हिज्र की रातों में तड़पना पड़ेगा | शायरी | करन मिश्रा

हिज्र की रातों में तड़पना पड़ेगा, हसने से ज्यादा तुझे रोना पड़ेगा। कुर्बानियों से भरी हैं ये प्यार की राहें, पाने से ज्यादा तुझे खोना पड़ेगा। आधी आधी रातों में सिसकना पड़ेगा, छुप छुप के आहें तुझे भरना पड़ेगा। बडा़ मुश्किल है ये इश्क का सफर, कांटो भरी राहों पे तुझे चलना पड़ेगा। Hizra Ki […]

ढलता है जैसे सूरज ये चांद भी ढलेगा। शायरी | करन मिश्रा

हुस्न-ओ-शबाब तेरा ता-उम्र ना रहेगा, सावन के बाद महीना भादों का भी चढ़ेगा। ना कर गुरूर चांद से चेहरे पर ऐ हसीना, ढलता है जैसे सूरज ये चांद भी ढलेगा। Hushn-o-shabab Tera Ta-umra Na Rahega, Sawan Ke Baad Mahina Bhadav Ka Bhi Chadhega. Na Kar Gurur Chand Se Chehare Par Ai Haseena, Dhalata Hai Jaise […]

वो एक ख्वाब जिसने चैन से सोने नहीं दिया | शायरी | करन मिश्रा

ख्वाब और भी आए गए जिंदगी में मगर, वो एक ख्वाब जिसने चैन से जीने नहीं दिया। तमाम रातें गुजार दी जाग जागकर हमने, वो एक ख्वाब जिसने चैन से सोने नहीं दिया। Khwab Aur Bhi Aaye Gaye Jindagi Me Magar, Vo Ek Khwab Jisane Chain Se Jene Nahi Diya. Tamaam Ratein Gujar Di Jag […]

यूं जल के बुझ जाना अच्छा नहीं लगता | शायरी | करन मिश्रा

यूं जल के बुझ जाना अच्छा नहीं लगता, कहकर मुकर जाना अच्छा नहीं लगता. किसी पल हाँ किसी पल ना अदा अच्छी है ये लेकिन, यूं दिल को भरमाना अच्छा नहीं लगता. यूं दिल को सताना अच्छा नहीं लगता, यूं दिल को तड़पाना अच्छा नहीं लगता. जो खेलते हो यूं मेरे इस दिल से तुम […]

न जाने कौन सी बात आखिरी हो | शायरी | करन मिश्रा

न जाने कौन सी बात आखिरी हो, न जाने कौन सी रात आखिरी हो। ठहर के मिल लो घड़ी दो घड़ी क्योंकि, न जाने कौन सी मुलाकात आखिरी हो। Na Jane Kaun Si Baat Aakhiri Ho, Na Jane Kaun Si Raat Aakhiri Ho. Thahar Ke Mil Lo Ghadi Do Ghadi kyonki, Na Jane Kaun Si […]

जाने कब वो खुदा हो गए | शायरी | करन मिश्रा

किया जो इश्क़ हमने, जमाने भर में रुसवा हो गए। चाहा जिसे इंसा समझकर, न जाने कब वो खुदा हो गए। Kiya Jo Ishq Hamne, Jamane Bhar Me Rushwa Ho Gaye. Chaha Jise Insa Samjhkar, N Jane Kab Vo Khud Ho Gaye.

ये उम्र गुजर रही है एक एक रोज बस यूं ही | शायरी | करन मिश्रा

ये उम्र गुजर रही है एक एक रोज बस यूं ही, मैं चलता ही जा रहा हूं एक एक रोज बस यूं ही। ना अब कोई तमन्ना ना कोई ख्वाब बाकी है, मैं जी रहा हूं यारों एक एक रोज बस यूं ही, Ye Umra Gujar Rahi Hai Ek Ek Roj Bas Yun Hi, Mai […]

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