तीन बेटियों के बाद सुमन ने घर के चिराग को जन्म दिया । आखिरकार सबकी मुरादें पूरी हुई । बड़े ही धूमधाम से बेटे के आने का जश्न मनाया गया । सुमन का बेटा उसकी आंखों का तारा था । उसने अपने बेटे का नाम राजा रखा । राजा के पिता उसके जन्म […]
हर माँ की तरह जानकी देवी को भी, अपने जीते जी, कुल के दीपक यानी अपने पोते का मुख देखने की बहुत लालसा थी । वह मरने से पहले एक पोते का जरूर देखें लेना चाहती थी । उनके बेटे की शादी को काफी अरसा हो चुका था पर पोता तो छोड़ो पोती का […]
ये कहानी एक आदिवासी समुदाय की है । एक ऐसे आदिवासी समुदाय की जिसमें पुरुष लड़के को शादी के बाद लड़की के घर जाना होता है । मीना भी ऐसे ही एक आदिवासी समुदाय से थी ताल्लुक रखती थी जिसमें मीना के पिता को विवाह के बाद मीना की मां के घर जाकर रहना […]
कस्बे में ही किशन हलवाई की दुकान थी । कस्बा छोटा था, मगर किशन हलवाई की दुकान किशन हलवाई के परिश्रम और सूझबूझ के कारण काफी प्रसिद्ध थी । किशन की दुकान पर रोज ग्राहकों का ताता लगा रहता । सभी किशन हलवाई के बनाए मिष्ठान एवं अन्य चीजों की बड़ी प्रशंसा करते । शादी […]
बहुत समय पहले की बात है नंदगोपाल की शादी पड़ोस गांव की ही एक लड़की बरखा से हुई । नंदगोपाल बहुत ही सरल स्वभाव के थे । नंद गोपाल ज्यादा पढ़े लिखे तो नहीं थे, मगर पढ़े लिखो की संगत ने नंदगोपाल को बहुत कुछ सिखा दिया था । कुछ दिनों बाद नंदगोपाल की […]
बचपन से ही सोम का मन संगीत मे रमा था। उसे पढ़ाई लिखाई मैं कोई खास रुचि नहीं थी। वो घर तो घर स्कूल में भी गाने गाया करता। जिससे अक्सर उसे पिता व अध्यापकों से डांट खानी पड़ती। समय के साथ जब सोम बड़ा हुआ […]
एक कसाई अपने घर में ही मुर्गे की दुकान चलाता, और मुर्गे का मांस बेचता। वह अपनी पत्नी को बहुत प्रेम करता, उसके तीन बेटे थे। दो बेटे तो थोड़े बड़े थे। जबकि तीसरा अभी सिर्फ डेढ़ माह का था। सबसे छोटे होने के कारण तीसरे बेटे को पति पत्नी दोनों […]
बहुत समय पहले एक लकड़ी व्यापारी के तीन लड़के थे। व्यापारी खुद तो पढ़ा लिखा नहीं था। मगर वह अपने तीनों बच्चों को शिक्षित करना चाहता था। क्योंकि शायद उसने अशिक्षा का दंश झेला था। इसलिए वह अपने तीनों बच्चों को पढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करता। वह […]
स्कूल की पढ़ाई के बाद अशोक जॉब की तलाश में शहर पहुंचा, बड़ी मुश्किल से उसको एक FMCG कंपनी में मार्केटिंग की जॉब मिली हालांकि पैसे बहुत कम थे और शहर बड़ा होने के कारण खर्चे बहुत ज्यादा जॉब के शुरुआती सफर में उसने बड़ी ही लगन और उत्साह का परिचय दिया। […]
दिव्या नगर के राजा के चार पुत्र थे। उनके चारों पुत्रों में तीन पुत्र सभी विद्याओं में निपुण थे। उनके कौशल का गुणगान पूरे दिव्य नगर सम्राज्य के साथ-साथ पड़ोसी राज्य में था । उनके प्रभाव के कारण ही कोई भी शत्रु राज्य पर हमला करने से कतराते थे। राजा भी […]