दिल की बात जुबां तक लाएँ भी तो कैसे | शायरी | करन‌ मिश्रा

दिल की बात जुबां तक लाएँ भी तो कैसे, हाल-ए-दिल उन्हें बतलाएँ भी तो कैसे। डर लगता है बहुत रूठ जाने से उनके, फिर उनसे भला इश्क़ हम फरमाएं भी तो कैसे। Dil Kee Baat Jubaan Tak Laen Bhee To Kaise, Haal-e-dil Unhen Batalaen Bhee To Kaise. Dar Lagata Hai Bahut Rooth Jaane Se Unake, […]

किसको खबर है उसकी ये रात आखिरी है | शायरी | करन मिश्रा

ख्वाबों के जिद्द-ओ-जहद से, गर्दिश में ज़िन्दगी है। किसको खबर है उसकी, ये रात आखिरी है। हर शख्स है भरम में, हर किसी पर नशा छाया। किसको खबर है उसकी, ये बात आखिरी है। सफर की मुश्किलों से, फुरसत कभी नहीं है। किसको खबर ये उनकी, मुलाक़ात आख़िरी है। गर हो सके जो मुमकिन, इस […]

कल रात वो हल्का सा मुस्कुराकर चली गई | शायरी | करन मिश्रा

कल रात वो हल्का सा मुस्कुराकर चली गई, कमबख्त आधी रात में जगाकर चली गई। मैं रात भर खोया रहा उसके ख्यालों में, न जाने कितने हसीन ख्वाब वो दिखाकर चली गई। Kal Raat Vo Halka Sa Mushkurakar Chali Gayi, Kamabakhta Aadhi Raat Me Jaga Kar Chali Gayi. Mai Raat Bhar Khoya Raha Uske Khayalon […]

उसकी गली में मकान है अपना | शायरी | करन‌ मिश्रा

दिल इसी बात से खुश है बहुत, अब उसकी गली में मकान है अपना। उसकी खिड़की और अपनी निगाहें, अब रात दिन बस यही काम है अपना । Dil Esi Baat Se Khush Hai Bahut, Ab Uski Gali Me Makan Hai Apna. Uski Khidki Aur Apni Nigahen, Ab Raat Din Bas Yahi Kaam Hai Apana.

जो किस्मत में होता है | शायरी | करन‌ मिश्रा

रात कितनी भी काली हो, सवेरा होता जरूर है। जो किस्मत में होता है, एकदिन मिलता जरूर है। Raat Kitani Bhi Kali Ho, Savera Hota Jarur Hai. Jo Kismat Me Hota Hai, Ekdin Milta Jarur Hai.

इश्क ही अब मजहब है मेरा | शायरी | करन‌ मिश्रा

इश्क ही अब मजहब है मेरा, उनका दिल हुआ मेरा ठिकाना. बस उनकी इबादत करना है मुझको, मुझको मक्का-मदीना नहीं जाना. Ishq Hi Ab Majahab Hai Mera, Unka Dil Hua Mera Thikana. Bas Unki Ibadat Karana Hai Mujhako, Mujhako Makka Madina Nahi Jana.

उसने मुझको अपना रांझा चुन लिया है | शायरी | करन‌ मिश्रा

मत पूछो इस दिल का आलम ओ‌ यारों, खुदा ने मेरी दुआ सुन‌ लिया है। जिसे चुना है अपनी हीर मैने, उसने मुझको अपना रांझा चुन लिया है। Mat Poochho Is Dil Ka Aalam O Yaaron, Khuda Ne Meri Dua Sun Liya Hai Jise Chuna Hai Apni Heer Maine, Usane Mujhako Apna Ranjha Chun Liya […]

माथे पे बिंदियां आखों में काजल अच्छा लगता है | शायरी | करन‌ मिश्रा

जुल्फों को लटकने दो गालों से अच्छा लगता है, माथे पे बिंदियां आखों में काजल अच्छा लगता है। वैसे इस गुलिस्ताँ में हैं गुल‌‌ के हजारों रंग, तेरे गालों का गुलाबी रंग मुझे अच्छा लगता है। तेरी मेहदीं का गाढ़ा रंग मुझे अच्छा लगता है, तेरी चूड़ी और कंगन मुझे अच्छा लगता है, लगती जन्नत […]

चन्द लम्हों की मुलाकात अच्छी नहीं लगती | शायरी | करन‌ मिश्रा

मिलो गर मुझे तो उम्र भर के लिए, ये चन्द लम्हों की मुलाकात अच्छी नहीं लगती। करनी है गुफ़्तुगू तुमसे सारी सारी रात, ये आधी अधूरी बात अच्छी नहीं लगती। Milo Gar Mujhe To Umra Bhar Ke Liye, Ye Chand Lamhon Ki Mulakaat Achhi Nahi Lagati. Karani Hai Guftagu Tumse Sari Sari Raat, Ye Adhi […]

उनके जलवों की बात और है | शायरी | करन‌ मिश्रा

उनके जुल्फों की बात और है, उनके होठों की बात और है। एक नशा सा है जो उनकी आँखों में, उनके जलवों की बात और है। फूलों की बात और है, कलियों की बात और है। हवा जो छू के गुजरती है उनके सासों को, उनकी खुशबू की बात और है। चूड़ी की बात और […]

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