क्या खूब मजा है जीने में | शायरी | करन मिश्रा

क्या खूब मजा है जीने में, जब आग लगी हो सीने में। होठों से पीना क्या पीना, जो मजा है आंख से पीने में। Kya Khoob Maja Hai Jeene Mein, Jab Aag Lagee Ho Seene Mein. Hothon Se Peena Kya Peena, Jo Maja Hai Aankh Se Peene Mein.

गुलाबों सा खिलना जरूरी था क्या | शायरी | करन मिश्रा

गुलाबों सा खिलना जरूरी था क्या, इतना निखरना जरूरी था क्या, सांसे थम सी गई आज देखा जो तुमको, इतना सजना सँवरना जरूरी था क्या। Gulaabon Sa Khilana Jaruri Tha Kya, Etana Nikharana Jaruri Tha Kya, Sanse Tham Si Gaee Aaj Dekha Jo Tumko Etana Sajna Savarana Jaruri Tha Kya.

मैं लिखता कुछ और हूं लिखा कुछ और जाता है । करन मिश्रा । शायरी

मैं लिखता कुछ और हूं लिखा कुछ और जाता है, करुं ना करूं जिक्र उसका हो ही जाता है। हर तरफ बिखरी हुई है खुशबू उसके आंचल की, गर मै सांस भी लेता हूं तो वो महक ही जाता है. Mai likhata kuchh aur hun likha kuchh aur jata hai, Karun na karun jikra uska […]

हमारे तुम नहीं होते, तुम्हारे हम नहीं होते । करन‌ मिश्रा । शायरी

हमारे तुम नहीं होते, तुम्हारे हम नहीं होते, खुदा जो साथ ना देता तो ये मंजर नहीं होते । दुआओं में हमेशा हमने बस तुमको ही मांगा था, दुआ खाली जो रह जाती तो हम तुम संग नही ।

कोई हो न हो तुम हो ना | करन‌‌ मिश्रा | शायरी

जब दिखता नहीं है अपना कोई तो सोचता हूँ तुम हो ना, जब दुखाता है दिल अपना कोई तो सोचता हूँ तुम हो ना । ताश के पत्तों की तरह बिखर जाता हूँ कभी मै भी मगर, संवर जाता हूँ ये सोचकर कोई हो न हो तुम हो ना । Jab dikhata nahi hai apna […]

तेरी जादू में वो पहले जैसा असर नही | करन मिश्रा | शायरी

अब पहले जैसा वो मंज़र नही, तेरी आँखों में वो‌‌ जंतरमंतर नही. जिसके जादू में फसकर बन गया था दीवाना कभी, तेरी जादू में वो पहले जैसा असर नही. Ab pahle jaisaa vo manjar nahi, Teri aakho me vo jantar mantar nahi. Jiske jadu me faskar bangaya tha diwana kabi, Teri jadu me vo pahale […]

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