करके रुसवा सफ़र में उसने शहर बदल लिया | शायरी | करन मिश्रा

करके रुसवा सफ़र में उसने शहर बदल लिया, करता रहा मै मिन्नते पर उसने हमसफ़र बदल लिया। Karke Rusawa Safar Me Usne Shahar Badal Liya, Karata Raha Mai Minnate Par Usne Hamsafar Badal Liya.

मैं जिंदा हूं बस एक नजर के लिए‌ | शायरी | करन मिश्रा

याद आती है वो पर वो आती नहीं, उससे मिलने की आस दिल से जाती नहीं। मैं जिंदा हूं बस एक नजर के लिए, नजर आती नहीं जान जाती नहीं। Yaad Aati Hai Vo Par Vo Aati Nahi, Usase Milane Ki Aas Dil Se Jati Nahi. Mai Jinda Hun Bas Ek Nazar Ke Liye, Nazar […]

मेरा नसीब ही कुछ ऐसा था | शायरी | करन‌‌ मिश्रा

तू बुरा नहीं था तेरा दिल बुरा नहीं था, मेरा नसीब ही कुछ ऐसा था वरना वक़्त बुरा नहीं था। Tu Bura Nahi Tha Tera Dil Bura Nahi Tha, Mera Naseeb Hi Kuchh Aisa Tha Verna Waqt Bura Nahi Tha.

साये से किरदार छुपाना मुश्किल है | करन मिश्रा | शायरी

साये से किरदार छुपाना मुश्किल है, अपनो से हर राज छुपाना मुश्किल है। बेशक रख सकते हो मुखौटा नियत पर, नज़रो पर नक़ाब लगाना मुश्किल है। Saye Se Kirdaar Chhupana Mushkil Hai, Apno Se Har Raj Chhupana Mushkil Hai. Beshak Rakh Sakte Ho Mukhauta Niyat Par, Najaro Par Nakaab Lagana Mushkil Hai.

रूह की प्यास नहीं जाती | करन मिश्रा | शायरी

जिस्म की प्यास तो बुझ जाती है रूह की प्यास नहीं जाती, झूठे फरेबी रिश्तों से कभी प्यार की प्यास नहीं जाती। प्यार की प्यास बनी रहती है जलते बुझते रिश्तों में, आधी उमर गुजर जाती है फिर भी आस नहीं जाती। Jism Ki Pyas To Bujh Jati Hai Ruh Ki Pyas Nahi Jati, Jhuthe […]

अपने ही हाथों इस दिल को दुखाया है मैंने । करन मिश्रा । शायरी

अपने ही हाथों इस दिल को दुखाया है मैंने, ज्यादा कुछ नहीं, हां ईश्क किया है मैंने. Apane Hee Haathon, Is Dil Ko Dukhaaya Hai Mainne. Jyaada Kuchh Nahin, Haan Ishq Kiya Hai Mainne.

वक़्त गुजर जाता है पर कुछ जख्म नहीं भर पाते । करन मिश्रा । शायरी

वक़्त गुजर जाता है पर कुछ जख्म नहीं भर पाते, खाक हुए सपनों को फिर से पंख नहीं लग पाते. धीरे-धीरे ठंडी पड़ जाती है आग लगन की, टूटे डाली के फुल फ़िज़ा में फिर से ना खिल पाते. Waqt Gujara Jata Hai Par Kuchh Jakhma Nahi Bhar Pate, Khak Hue Sapno Ko Fir Se […]

मैं लिखता कुछ और हूं लिखा कुछ और जाता है । करन मिश्रा । शायरी

मैं लिखता कुछ और हूं लिखा कुछ और जाता है, करुं ना करूं जिक्र उसका हो ही जाता है। हर तरफ बिखरी हुई है खुशबू उसके आंचल की, गर मै सांस भी लेता हूं तो वो महक ही जाता है. Mai likhata kuchh aur hun likha kuchh aur jata hai, Karun na karun jikra uska […]

हमारे तुम नहीं होते, तुम्हारे हम नहीं होते । करन‌ मिश्रा । शायरी

हमारे तुम नहीं होते, तुम्हारे हम नहीं होते, खुदा जो साथ ना देता तो ये मंजर नहीं होते । दुआओं में हमेशा हमने बस तुमको ही मांगा था, दुआ खाली जो रह जाती तो हम तुम संग नही ।

एक वक्त ऐसा भी आएगा । करन मिश्रा । शायरी

नहीं मालूम था एक वक्त ऐसा भी आएगा, तुम्हे देखे हुए मुझे एक जमाना बीत जाएगा। तुम्हारी यादों में जीते हुए गुजरेंगे मेरे दिन, तेरी यादों का हर किस्सा मुझे पल पल रूलाएगा।

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