मधुबाला | A Woman’s Love And Struggle Story In Hindi

       मधुबाला जैसा नाम वैसी सूरत वैसी काया और बिल्कुल वैसा ही काम । घर से लड़-झगड़ के चल पड़ी, सिनेमा की चकाचौंध दुनिया मे खुद को प्रुफ करने ये जानते हुए भी कि इसमे मुश्किले कितनी है। मगर मुश्किलो से ज्यादा जिसे खुद पर यकीन हो, ऐसी ही है हमारी आज की किरदार “मधुबाला” ।

   मुम्बई इतने बड़े शहर मे किसी तरह रहने-खाने का बन्दोबस्त तो हो गया, पर फिल्मो मे ऐन्ट्री मिले तो कैसे,मधुबाला दिमाग की भी बहुत तेज थी, उसने खोज निकाला रास्ता अपनी कामयाबी का। अपने हुस्न के जलवे से डांस क्लासेज मे डान्स सिखाने वाले कुनाल को पटा लिया,और उससे फिल्मी पार्टीज मे ले जाने का रोज दबाव डालने लगी। वैसे इतनी खुबसूरत लड़की को अपने साथ ले जाना किसको पसंद नही होगा। मधुबाला के हुस्न पर ये लाइने बिल्कुल सटीक बैठती है……..

  बस क्या मधुबाला कुनाल के साथ बड़ी -बड़ी पार्टियो मे सिरकत करने लगी। वहा कई फिल्म के डायरेक्टर, प्रड्यूसरो से वह कुनाल के जरिए मुलाकात करती रही।

       वो कहते है, ना “कोशिश करने वालो की कभी हार नही होती” तो बस मधुबाला के सुनहरे भविष्य का ताला खुलने का समय भी आ गया था। जितिन एक फिल्म डायरेक्टर का दिल मधुबाला पर आ गया,उसने बतौर हीरोइन मधुबाला को फिल्म मे काम दिया और धीरे-धीरे मधुबाला सिनेमा की दुनिया की चर्चित अभिनेत्रियो मे से एक हो गई।

    ठंड का मौसम था सुनहरी घूप निकली थी।जितिन बाबू की कार रूकती है।मधुबाला के साथ वो लान मे काफी का आनंद लेने लगते है।बातों-बातो मे जितिन मधुबाला से अपने प्यार का इजहार कर देते है।मधुबाला भी तो शायद यही चाहती थी।

   फिर क्या जमाने की मशहूर अभिनेत्री और मशहूर डायरेक्टर चुपके से शादी के जोड़े मे बध जाते है। हनीमून के बाद लौटते वक्त  मधुबाला को जितिन बाबू जब मधुविला की तरफ ले जा रहे होते है, तो मधुबाला आश्चर्य मे पड़ जाती है, तब जितिन बाबू कहते है,कि अगर हमने अपनी शादी सबको बता दी तो तुम्हारा करियर यही खत्म हो जाएगा।बेहतर यही होगा कि जब तक छुपा सके, हमे अपनी इस शादी को छुपा कर रखना चाहिए।

    कुछ वर्ष बाद मधुबाला जितिन के बच्चे की माँ बनने वाली होती है।तभी दोनो को अपना स्टूडियो बनाने का विचार आता है।दोनो अपना सारा पैसा स्टूडियो मे लगा देते है।

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   स्टूडियो चलने लगता है। इधर मधुबाला को पुत्र पैदा होता है। मगर अचानक स्टूडियो मे शूटिंग के दौरान आग लग जाने से जितिन काफी झुलस जाते है। जितिन का इलाज के दौरान ही मृत्यु हो जाती है।

    मधुबाला पर दूखो का पहाड़ टूट पड़ता है। जैसे-तैसे वो खूद को अपने बच्चे और स्टडियो को सम्भाल लेती है।

   मधुबाला टीवी पर न्यूज देख रही होती है। तबतक पता चलता है, कि मधुबाला स्टूडियो का नाम बदला जा रहा है। वो तुरन्त भाग कर स्टुडियो पहुँचती है, और कर्मचारियों पर बरस पड़ती है पता चलता है, कि स्टूडियो की मालकिन वो नही बल्कि जितिन की कानूनन पत्नी का अधिकार रखने  वाली जयंती है। ये झटका तो जितिन के मरने से भी बड़ा था।यानी जितिन ने मधुबाला को इतने दिन धोखे मे रखा उसने न सिर्फ उसके शरीर का बल्कि उसके पैसो का भी इस्तेमाल किया। क्या जितिन ने वाकई मधुबाला को धोखा दिया। क्या वो ऐसा कर सकता थे पर अब इन सवालों का क्या फायदा, इन सवालो का जबाब जो शख्स दे सकता था, वो अब इस दुनिया से जा चुका था।  मधुबाला की तो दुनिया ही लूट चूकी थी सामने सिर्फ अंधेरा था।
           
   कमाए सारे पैसै डूब चूके थे। फिल्मी दुनिया मे उसके नाम के रोज नये-नये जोक बनाये जा रहे थे।

    मधुबाला के साथ वो हुआ था जो अधिकतर लड़कियों के साथ होता रहता है। परन्तु मधुबाला उन अधिकांश लड़कियों जैसी नही थी। वो अलग थी उसमें हौसला था उसमें धैर्य था उसमें जूनून के साथ-साथ खूद पर भरोसा था। कुछ दिनों के गमो के बाद उसने वापस स्ट्रगल करना शुरू कर दिया । धीरे-धीरे सफलता की सिढिया चढ़कर वो फिर सिनेमा जगत के पहले पायदान पर एकबार फिर काबिज हुई।

दोस्तो ……
    इस बार उसने अपनी पिछली गलतियो को नही दोहराया। “गलतियाँ हर इन्सान से होती है, पर जो लोग अपनी पिछली गलतीओ को दोहराए बगैर पूरे उत्साह के साथ निरन्तर प्रयास करते रहते, उनकी जीत पक्की होती है”

 आज मधुबाला अपने बेटे अंश के साथ खुश है।
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author

Karan Mishra

करन मिश्रा को प्रारंभ से ही गीत संगीत में काफी रुचि रही है । आपको शायरी, कविताएं एवं‌‌ गीत लिखने का भी बहुत शौक है । आपको अपने निजी जीवन में मिले अनुभवों के आधार पर प्रेरणादायक विचार एवं कहानियां लिखना काफी पसंद है । करन अपनी कविताओं एवं विचारों के माध्यम से पाठको, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने का प्रयत्न करते हैं ।

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