मेरे उसने पास रखे पलंग पर लेटकर थोड़ा आराम करने की सोची। पलंग पर लेटते ही वह अपने राजा बनने के बाद अपने सुनहरे भविष्य और अपने ऐशो आराम की कल्पनाओ मे डूब गया । उसे लगने लगा कि अब तो उसे कुछ भी करने की आवश्यकता नहीं होगी । उसे जिस चीज की इच्छा होगी वह वस्तु अगले ही पल उसके समक्ष प्रस्तुत हो जाएगी ।
हालांकि बीच-बीच में उसका मन ख्यालों से निकलकर काम की तरफ भी लौटता मगर जब भी वह काम की ओर देखता तो उसे आलस्य पूरी तरह घेर लेता उसे लगता कि
“ये काम काफी आसान है ऐसे मे थोड़ा आराम करने से कुछ नही बिगड़ने वाला । वह उसे कुछ ही समय की मेहनत में उसे पूरा कर लेगा”
देखते ही देखते सुबह से दोपहर और दोपहर से शाम होने को थी मगर उसके ख्याली सपनों का न तो अंत हुआ और न उसने काम को शुरु किया । लेकिन देर होता देख मन ही मन उसके अंदर छटपटाहट सी होने लगी थी ।
“अब देर हो रही है उठो और काम शुरू करो” एक मन उससे बार-बार कहता कि मगर तबतक उसका आलसी मन उसके पैरों को जोर से जकड़ लेता और उसे लेटे रहने और ख्यालों में डूबे रहने के लिए मजबूर कर देता है ।
“बस-बस हो गया है पिताजी”
“नहीं नहीं पिताजी ऐसा नहीं है असल में मेरा काम उन लोगों से थोड़ा कठिन था इसीलिए मैं अभी तक अपना काम पूरा नहीं कर सका हूँ । अगर मुझे भी वैसा ही काम मिला होता तो आप देखते हैं कि मेरा भी काम उनकी तरह समय से पूरा हो गया होता”
” अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत”
“बस-बस पिताजी थोड़ी देर और बस हो ही गया है”
“नहीं बस, अब इससे ज्यादा मैं और समय मैंने तुम्हे नहीं दे सकता अब समय खत्म हुआ । अब बारी परिणामों की है। मैं समय है तुम सबके कार्यो के मूल्यांकन का”
“अब बताओ इस बार तुम क्यों फेल हो गए ? अब क्या तुम्हारा गड्ढा उन सब से बड़ा था ? या कोई और वजह बताना चाहोगे कि जिससे यह समझा जा सके कि तुम्हारा काम दूसरो से कठिन था । तुम कब तक झूठे बहाने से हकीकत को छुपाते रहोगे । तुम कब जागोगे आज तुमने अपने जीवन का सबसे सुनहरा मौका गवा दिया । तुम्हारे अंदर भी वही क्षमताए है जो इनमे हैं मैं जानता हूँ कि तुम किसी भी मामले में इन दोनो से कम नहीं थे मगर आलस्य मे हर काम को आगे और आगे टालते जाने की आदत ने तुमसे इस देश की सत्ता पाने का भावी मौका छीन लिया”
राजा ने फिर कहा
इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है | Moral Of This Inspirational Hindi Story
दोस्तों अक्सर हम सभी थोड़ा या ज्यादा पर आलस से जरूर घिरे रहते है जो काम किसी भी वक्त किया जा सकता है उस काम के लिए भी हम दिन व मुहूर्त तय करते हैं और कभी-कभी तो उस का दिन और मुहूर्त कभी आता ही नहीं वह दिन प्रतिदिन टलता चला जाता है और फिर वही आसान सा काम काफी कठिन लगने लगता है यहां तक कि कभी-कभी तो वह काम हमें डराने भी लगता है हम उससे दूर भागने लगते हैं उस उस काम के बारे में हम फिर सुनना भी नहीं चाहते और 1 दिन उसके बुरे परिणाम भुगतने पड़ते हैं आलस्य एक प्रकार का विकार है जो कम या ज्यादा हर किसी में जरूर होती है हम इसे अपने से जितना दूर रख पाएंगे, खुद से जितना दूर भगा पाएंगे हम अपने काम को उतने ही सही तरीके से पूरा कर सकेंगे और अपने लक्ष्य के प्रति खुद एक प्रकार का अवरोध न बनकर उसे सही समय पर सफलतापूर्वक पूरा कर सकेंगे इसीलिए बेहतर होगा कि आज से ही हम ये Promise करें कि जो काम हमें मिला है उसे वक्त रहते पूरा कर दें Laziness एवं आराम तलबी को काम पूरा होने तक किसी भी हाल में अपने समीप नही आने देगें अगर हम ऐसा प्लान करके चलेंगे तो निश्चित रुप से कभी भी Laziness हमारे काम में बाधक नहीं बन सकी ।