प्रेम शायरी
हिन्दी लव शायरी | Love Shayari In Hindi
हमारी याद आएगी .. .
मेरी मोहब्बत तुम्हें वापस खींच लाएगी,
जब सोओगे तकिए पर सर रखकर,
खुदा कसम तुम्हें हमारी याद आएगी ।
Chahe Lakha kar lo Bahana Hamase Dur Jane ka,
Meri Mohabbat Tumhe Vapas khincha Layegi,
Jab Sooge Takiye Par Sar Rakhakar,
Khuda Kasam Tumhe Hamari Yaad Aayegi.
बुलंदियों को छूना चाहता है,
तो आंखों में जुनून रख।
एक दिन में, प्यार भी परवान नहीं चढ़ता
दिल में थोड़ा सुकून रख।
Poet :- “Karan “GirijaNandan”
दिल डरता है तेरी खामोशी से,
कुछ कहती रहो, यूं चुप ना रहो।
Poet :- “Karan “GirijaNandan”
सुला के चल दिए थे,
तेरी यादों को सफ़र में।
तेरी पाजेब की खनक ने,
उन्हें फिर से जगा दिया।
Poet :- “Karan “GirijaNandan”
नजदीकियां किसी से, इस कदर ना रहे
दूर जाए जो वो खुद की खबर ना रहे।
वक्त जख्मों पे मरहम लगाए तो क्या
वक्त, जख्मों पर मरहम लगाए तो क्या..
इन दवाओं का भी कोई असर ना रहे।
Poet :- “Karan “GirijaNandan”
तुम गुल नहीं, गुलिस्तान हो
इस दिल की सुल्तान हो।
मर मिटे खुदा भी जिसकी खातिर
तुम वो मालिका-ए- हिंदुस्तान हो।
Poet :- “Karan “GirijaNandan”
ना कसूर तेरा था, ना कसूर मेरा था
वो उम्र ही कुछ ऐसी थी।
ना दिल पे जोर तेरा था
ना दिल पर जोर मेरा था।
Poet :- “Karan “GirijaNandan”
उड़ते परिंदों को उड़ने दो,
इन्हें आशियाने की जरूरत नहीं।
इन्हे तो नशा है, जिंदगी का,
किसी मयखाने की जरूरत नहीं।
तुम कहो न जाए मेरे दोस्त,
तुम कहो तो यहीं रुक जाए मेरे दोस्त।
कोई जागीर नहीं जहां में दोस्ती से बढ़के,
तुझपे शुरू और तुझीपे खत्म हो जाए मेरे दोस्त।
Poet :- “Karan “GirijaNandan”
सब्र होता नहीं, जबसे देखा तुम्हे,
मेरी रातों की नींद खफा हो गई।
मैं कहीं और हूं दिल कहीं और है,
जिस्म से रूह मेरी जुदा हो गई।
Poet :- “Karan “GirijaNandan”
जुनून-ए-इश्क ने, इस कदर बेकरार किया है,
दोपहर की धूप में, तेरा इंतजार किया है।
गैरों से बगावत, मुमकिन है जमाने में,
हमने तो तेरी खातिर, अपनों से भी तकरार किया है।
Poet :- “Karan “GirijaNandan”
तन्हाइयों में जीना अच्छी बात नहीं,
दोस्त दो-चार कर लो।
गर फिर भी कसर रह जाए,
किसी से आंखें चार कर लो ।
Poet :- “Karan “GirijaNandan”
शर्म का घुंघट तोड़ दो,
मेहबूब की नजरों से नजरें मिला।
रखा क्या है, बेरंग जमाने में,
प्यार के रंग में तु भी रंग जा।
Poet :- “Karan “GirijaNandan”
तेरे चेहरे के नूर का क्या कहना
मरना गवारा है तेरी बंदगी के बाद
तुम ख्यालो की एक किताब सी हो
हर पन्ने पर तेरा ही नाम हैं
इन्ही में जीना इन्ही पे मरना मेरा काम
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