इश्क की राहों में बढ़ जाना तो आसान है | शायरी | करन मिश्रा

इश्क की राहों में बढ़ जाना तो आसान है फिर उन्हीं राहों से लौट आना मुश्किल । किसी के ख्वाब सजा लेना तो आसान है फिर उन्हीं ख्वाबों को भूल पाना मुश्किल। यूं ही किसी को दिल में न बसा क्योंकि, किसी को अपने दिल में बसा लेना तो आसान है, फिर उसी को दिल […]

मुझमें जान अभी बाकी है | शायरी | करन मिश्रा

मुझमें जान अभी बाकी है, जीने का अरमान अभी बाकी है। ख्वाबो से कह दो अभी हौसला ना हारे, जितने का मुझमे तूफ़ान अभी बाकी है। Mujhame Jaan Abhi Baki Hai, Jeene Ka Aramaan Abhi Baki Hai. Khwabo Se Kah Do Abhi Hausala Na Hare, Jitane Ka Mujhame Tufaan Abhi Baki Hai.

तुझे भूल भी गया हूं और भूला भी नहीं‌ | शायरी | करन‌ मिश्रा

ये सच तो है मगर पूरा सच नहीं, तुझे भूल भी गया हूं और भूला भी नहीं। तेरे बगैर जी को अब लगा लिया है मैंने, जी लगा भी लिया है और जी कहीं लगा भी नहीं। जबसे गए हो तन्हा मुझे छोड़कर यहां, मैं जिंदा तो हूं बेशक पर जिंदा भी नहीं। Ye Sach […]

दिखावे के रिश्ते दिखावे में रह गए | शायरी | करन‌ मिश्रा

दिखावे के रिश्ते दिखावे में रह गए, हम बस ऐसे रिश्तों को बचाने में रह गए। कभी मतलब से रूठे कभी मतलब से माने, हम नासमझ उनको मनाने में रह गए। Dikhawe Ke Rishte Dikhawe Me Rah Gaye, Ham Bas Aise Rishton Ko Bachane Me Rah Gaye. Kabhi Matlab Se Ruthe Kabhi Matalab Se Mane, […]

गुलाबों सा खिलना जरूरी था क्या | शायरी | करन मिश्रा

गुलाबों सा खिलना जरूरी था क्या, इतना निखरना जरूरी था क्या, सांसे थम सी गई आज देखा जो तुमको, इतना सजना सँवरना जरूरी था क्या। Gulaabon Sa Khilana Jaruri Tha Kya, Etana Nikharana Jaruri Tha Kya, Sanse Tham Si Gaee Aaj Dekha Jo Tumko Etana Sajna Savarana Jaruri Tha Kya.

जख्मो को वापस भरने में वक्त तो लगता है | शायरी | करन‌ मिश्रा

जो बिगड़ गया उसको बनने में वक्त तो लगता है, जख्मो को वापस भरने में वक्त तो लगता है। पतझड़ में जब झड़ जाते हैं शाखों से टूट के पत्ते, फिर से नई बहार आने में वक्त तो लगता है। Jo Bigad Gaya Usko Banane Me Waqt To Lagata Hai, Jakhmo Ko Vapasa Bharane Me […]

करके रुसवा सफ़र में उसने शहर बदल लिया | शायरी | करन मिश्रा

करके रुसवा सफ़र में उसने शहर बदल लिया, करता रहा मै मिन्नते पर उसने हमसफ़र बदल लिया। Karke Rusawa Safar Me Usne Shahar Badal Liya, Karata Raha Mai Minnate Par Usne Hamsafar Badal Liya.

तुझे भूलूं भी तो कैसे | शायरी | करन‌ मिश्रा

तुझे भूलूं भी तो कैसे तेरी वो अदा तेरी वो हया तेरा हर बात पे वो मुस्कुरा देना, याद आता है बहुत मुझे देखकर वो तेरा शरमाते हुए पलके झुका देना। Tujhe bhulun bhi to kaise teri vo ada teri vo haya tera har baat pe vo muskuradena, Yaad aata hai bahut mujhe dekh kar […]

मैं जिंदा हूं बस एक नजर के लिए‌ | शायरी | करन मिश्रा

याद आती है वो पर वो आती नहीं, उससे मिलने की आस दिल से जाती नहीं। मैं जिंदा हूं बस एक नजर के लिए, नजर आती नहीं जान जाती नहीं। Yaad Aati Hai Vo Par Vo Aati Nahi, Usase Milane Ki Aas Dil Se Jati Nahi. Mai Jinda Hun Bas Ek Nazar Ke Liye, Nazar […]

उसकी आंखों में है कोई साज़िश | शायरी | करन मिश्रा

उसकी आंखों में है कोई साज़िश जरूर, जब भी देखता हूं कम्बख्त डूब ही जाता हूं। ये इश्क है एक आग का दरिया मगर, ये जानते हुए भी दरिया में कूद ही जाता हूं। Usaki Aankon Me Hai Koi Sajish Jarur, Jab Bhi Dekhta Hun Kambakht Dub Hi Jata Hun. Ye Ishq Hai Ek Aag […]

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