कभी ख्वाबो में तो कभी ख्यालों में आ जाते हो | शायरी | करन मिश्रा

कभी ख्वाबो में तो कभी ख्यालों में आ जाते हो, हवा हो या कोई करिश्मा जहां मैं जाता हूं तुम वहां आ जाते हो। तेरी यादों से हम दूर जाएं तो कैसे, साम को भूलूं तो सुबह आ जाते हो। Kabhi Khwabo Me To Kabhi Khayalon Me Aa Jate Ho, Hawa Ho Ya Koi Karishma […]

अपने अरमानों के फुल खिलाना चाहता हूं मै | करन मिश्रा | शायरी

तेरी आंखों में डूब जाना चाहता हूं मै, तेरी कंधे पे सर टिकाना चाहता हूं मै। तेरी जुल्फो की घनी छाव तले, अपने अरमानों के फुल खिलाना चाहता हूं मै।

आग से खेलने की आदत है | करन‌ मिश्रा | शायरी

आग से खेलने की आदत है जिन्हें, उन्हें मौत की आहट से कभी डर नहीं लगता। डर लगता तो है रूठ जाने से उनके, उनके इश्क में लुट जाने से कभी डर नहीं लगता। Aag Se Khelane Ki Aadat Hai Jinhe, Unhe Maut Ki Aahat Se Kabhi Dar Nahi Lagata. Dar Lagata To Hai Ruth […]

साये से किरदार छुपाना मुश्किल है | करन मिश्रा | शायरी

साये से किरदार छुपाना मुश्किल है, अपनो से हर राज छुपाना मुश्किल है। बेशक रख सकते हो मुखौटा नियत पर, नज़रो पर नक़ाब लगाना मुश्किल है। Saye Se Kirdaar Chhupana Mushkil Hai, Apno Se Har Raj Chhupana Mushkil Hai. Beshak Rakh Sakte Ho Mukhauta Niyat Par, Najaro Par Nakaab Lagana Mushkil Hai.

रूह की प्यास नहीं जाती | करन मिश्रा | शायरी

जिस्म की प्यास तो बुझ जाती है रूह की प्यास नहीं जाती, झूठे फरेबी रिश्तों से कभी प्यार की प्यास नहीं जाती। प्यार की प्यास बनी रहती है जलते बुझते रिश्तों में, आधी उमर गुजर जाती है फिर भी आस नहीं जाती। Jism Ki Pyas To Bujh Jati Hai Ruh Ki Pyas Nahi Jati, Jhuthe […]

कभी हसना था कभी रोना था | करन मिश्रा | शायरी

कभी हसना था कभी रोना था, छुप छुपकर आहें भरना था। तेरी एक झलक पाने की खातिर, घंटो राहें तकना था। वो पल बेशक़ अजीब थे, पर शायद मेरा नसीब थे। मैं आज भी राहें तकता हूं, मिलने को बहुत तरसता हूं । पर मिलना मुमकिन अब होता नहीं,‌ दिल पहले जैसा हसता रोता नहीं। […]

तेरे बिन अब जिया ना जाये | करन मिश्रा | शायरी

तेरे बिन अब जिया ना जाये, जीने में वो मजा ना आए। कैसी गुजर रही है अब मेरी, किसी से ये भी कहा ना जाए। Tere Bin Ab Jiya Na Jaye, Jeene Me Vo Maja Na Aaye. Kaisi Gujaar Rahi Hai Ab Meri, Kisi Se Ye Bhi Kaha Na Jaye.

ये इश्क की चिंगारी है । करन मिश्रा। शायरी

उसकी ना में भी हां है, ये इश्क की चिंगारी है यारों। जो सुलगा लिए तो हां है, जो बुझ गई तो ना है। Usaki na me bhi haan hai, Ye ishq ki chingari hai yaron. Jo sulaga liye to haan hai, jo bujha gayi to na hai.

ख्वाहिश संग है जीने की या फिर मर जाने की । करन मिश्रा । शायरी

ख्वाहिश संग है जीने की या फिर मर जाने की, मन्नत तेरे मिलने की या सूली चढ़ जाने की। हसरत एक तो पूरी हो, या तो घोड़ी चढ़ने की या फिर कब्र में जाने की। Khwahish Hai Sang Jeene Ki Ya Fir Mar Jane Ki, Mannat Tere Milne Ki Ya Suli Chadh Jane Ki. Hasarat […]

अपने ही हाथों इस दिल को दुखाया है मैंने । करन मिश्रा । शायरी

अपने ही हाथों इस दिल को दुखाया है मैंने, ज्यादा कुछ नहीं, हां ईश्क किया है मैंने. Apane Hee Haathon, Is Dil Ko Dukhaaya Hai Mainne. Jyaada Kuchh Nahin, Haan Ishq Kiya Hai Mainne.

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