ये उम्र गुजर रही है एक एक रोज बस यूं ही, मैं चलता ही जा रहा हूं एक एक रोज बस यूं ही। ना अब कोई तमन्ना ना कोई ख्वाब बाकी है, मैं जी रहा हूं यारों एक एक रोज बस यूं ही, Ye Umra Gujar Rahi Hai Ek Ek Roj Bas Yun Hi, Mai […]
बड़ी खामोशी से इज़हारे मोहब्बत किया उसने, पलके झुकायी और हल्का सा मुस्कुराया उसने। शिकार तो मैं तब हुआ जब, पलट कर देखा और फिर से मुस्कुराया उसने। Badi Khamoshi Se Izahare Mohabbat Kiya Usane, Palke Jhukayi Aur Halka Sa Mushkuraya Usane. Shikar To Mai Tab Hua Jab, Palat Kar Dekha Aur Fir Se Mushkuraya […]
मोहब्बत के रंग आज दाग हो गए, वो हाथ छुड़ाकर बेदाग हो गए। हमें भूल चले वो गुजरे जमाने की तरह, हम भूला ना सके और दागदार हो गए। उन्हें मनाने की जिद्द-ओ-जहद जारी रखी हमने, बस यहीं एक गुनाह किया और गुनाहगार हो गए। मोहब्बत के रंग आज दाग हो गए… .. Mohabbat Ke […]
कश्ती को जाते हुए किनारा देखता रहा, बेबसी की आंखों से नजारा देखता रहा। कपकपाते होठ डबडबाती आँखों से, अपनी डूबती किस्मत का सितारा देखता रहा। Kashti ko jate hue kinara dekhata raha, Bebasi ki aakhon se nazara dekhata raha. Kapkapate honth dabadabati aakhno se, Apni dubati kismat ka sitara dekhata raha.
टुकड़ो में जिंदगी को जिया है आज तक, खुशियों से ज्यादा गम ही मिला है आज तक। जब भी गम से ज्यादा खुशियां मिली मुझे, किश्तों में उनको वापस चुकाया है आज तक। Tukado Me Jindagi Ko Jiya Hai Aaj Tak, Khushiyaon Se Jyada Gam Hi Mila Hai Aaj Tak, Jab Bhi Gam Se Jyada […]
खुदा से भी ये गिला नहीं कि तू मुझे क्यूँ मिला नहीं, जो मिला मेरा वो नसीब था ये नसीब ही है कि तू मिला नहीं। मुझे एक खुशी की तलाश में तेरे दर्द-ओ-ग़म का जहां मिला, तेरा दर्द ही गर मिल गया फिर क्या गिला कि तू मिला नहीं। Khuda Se Bhi Ye Gila […]
जी भर कर देखूं तुझे इतनी इजाज़त तो दे दो मुझे। हमसे करो ना करो इश्क तुमसे करने की इजाज़त तो दे दो मुझे। Ji Bhar Kar Dekhun Tujhe Itani Ijajat To De Do Mujhe, Hamse Karo Na Karo Ishq Tumse Karane Ki Ijajat To De Do Mujhe.
दर्द की हद से गुज़रना पड़ेगा, इश्क की आग में जलना पड़ेगा। इतना आसान नहीं ये इश्क का सफर, तुझे रोज जीना रोज मरना पड़ेगा। Dard Ki Had Se Gujarna Padega, Ishq Ki Aag Me Jalana Padega. Itana Aasan Nahi Ye Ishq Ka Safar, Tujhe Roj Jeena Roj Marna Padega.
तुम भी मुझको भूल गई हो थोड़ा थोड़ा, मैं भी तुझको भूल गया हूं थोड़ा थोड़ा, साम को अक्सर आ जाती थी हिचकी मुझको, हिचकी आनी कम हुई है थोड़ा थोड़ा। जिस्म को जब कभी छू जाती थीं सर्द हवाएं, याद तुम्हारी आ जाती थी थोड़ा थोड़ा। रूठे जो तुम रूठ गया है बसंत का […]
तुझे जब चाहा था तब तू ऐसा नहीं था, जैसा भी था पर ऐसा नहीं था, तुझमें नज़ाकत थी सराफत थी और गुस्सा भी बहुत था, थे और भी ऐसे कई पर कोई तेरे जैसा नहीं था। Tujhe Jab Chaha Tha Tab Tu Aisa Nahi Tha, Jaisa Bhi Tha Par Aisa Nahi Tha, Tujhme Nazakat […]