जख्मो को वापस भरने में वक्त तो लगता है | शायरी | करन‌ मिश्रा

जो बिगड़ गया उसको बनने में वक्त तो लगता है, जख्मो को वापस भरने में वक्त तो लगता है। पतझड़ में जब झड़ जाते हैं शाखों से टूट के पत्ते, फिर से नई बहार आने में वक्त तो लगता है। Jo Bigad Gaya Usko Banane Me Waqt To Lagata Hai, Jakhmo Ko Vapasa Bharane Me […]

करके रुसवा सफ़र में उसने शहर बदल लिया | शायरी | करन मिश्रा

करके रुसवा सफ़र में उसने शहर बदल लिया, करता रहा मै मिन्नते पर उसने हमसफ़र बदल लिया। Karke Rusawa Safar Me Usne Shahar Badal Liya, Karata Raha Mai Minnate Par Usne Hamsafar Badal Liya.

तुझे भूलूं भी तो कैसे | शायरी | करन‌ मिश्रा

तुझे भूलूं भी तो कैसे तेरी वो अदा तेरी वो हया तेरा हर बात पे वो मुस्कुरा देना, याद आता है बहुत मुझे देखकर वो तेरा शरमाते हुए पलके झुका देना। Tujhe bhulun bhi to kaise teri vo ada teri vo haya tera har baat pe vo muskuradena, Yaad aata hai bahut mujhe dekh kar […]

मैं जिंदा हूं बस एक नजर के लिए‌ | शायरी | करन मिश्रा

याद आती है वो पर वो आती नहीं, उससे मिलने की आस दिल से जाती नहीं। मैं जिंदा हूं बस एक नजर के लिए, नजर आती नहीं जान जाती नहीं। Yaad Aati Hai Vo Par Vo Aati Nahi, Usase Milane Ki Aas Dil Se Jati Nahi. Mai Jinda Hun Bas Ek Nazar Ke Liye, Nazar […]

उसकी आंखों में है कोई साज़िश | शायरी | करन मिश्रा

उसकी आंखों में है कोई साज़िश जरूर, जब भी देखता हूं कम्बख्त डूब ही जाता हूं। ये इश्क है एक आग का दरिया मगर, ये जानते हुए भी दरिया में कूद ही जाता हूं। Usaki Aankon Me Hai Koi Sajish Jarur, Jab Bhi Dekhta Hun Kambakht Dub Hi Jata Hun. Ye Ishq Hai Ek Aag […]

कभी ख्वाबो में तो कभी ख्यालों में आ जाते हो | शायरी | करन मिश्रा

कभी ख्वाबो में तो कभी ख्यालों में आ जाते हो, हवा हो या कोई करिश्मा जहां मैं जाता हूं तुम वहां आ जाते हो। तेरी यादों से हम दूर जाएं तो कैसे, साम को भूलूं तो सुबह आ जाते हो। Kabhi Khwabo Me To Kabhi Khayalon Me Aa Jate Ho, Hawa Ho Ya Koi Karishma […]

अपने अरमानों के फुल खिलाना चाहता हूं मै | करन मिश्रा | शायरी

तेरी आंखों में डूब जाना चाहता हूं मै, तेरी कंधे पे सर टिकाना चाहता हूं मै। तेरी जुल्फो की घनी छाव तले, अपने अरमानों के फुल खिलाना चाहता हूं मै।

आग से खेलने की आदत है | करन‌ मिश्रा | शायरी

आग से खेलने की आदत है जिन्हें, उन्हें मौत की आहट से कभी डर नहीं लगता। डर लगता तो है रूठ जाने से उनके, उनके इश्क में लुट जाने से कभी डर नहीं लगता। Aag Se Khelane Ki Aadat Hai Jinhe, Unhe Maut Ki Aahat Se Kabhi Dar Nahi Lagata. Dar Lagata To Hai Ruth […]

साये से किरदार छुपाना मुश्किल है | करन मिश्रा | शायरी

साये से किरदार छुपाना मुश्किल है, अपनो से हर राज छुपाना मुश्किल है। बेशक रख सकते हो मुखौटा नियत पर, नज़रो पर नक़ाब लगाना मुश्किल है। Saye Se Kirdaar Chhupana Mushkil Hai, Apno Se Har Raj Chhupana Mushkil Hai. Beshak Rakh Sakte Ho Mukhauta Niyat Par, Najaro Par Nakaab Lagana Mushkil Hai.

रूह की प्यास नहीं जाती | करन मिश्रा | शायरी

जिस्म की प्यास तो बुझ जाती है रूह की प्यास नहीं जाती, झूठे फरेबी रिश्तों से कभी प्यार की प्यास नहीं जाती। प्यार की प्यास बनी रहती है जलते बुझते रिश्तों में, आधी उमर गुजर जाती है फिर भी आस नहीं जाती। Jism Ki Pyas To Bujh Jati Hai Ruh Ki Pyas Nahi Jati, Jhuthe […]

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