गजल सी सूरत – हिन्दी शायरी

गजल सी सूरत

गुजरा जब इन हवाओं से में ये तेरी याद दिलाती हैं ,

यह हवाएं जब पत्तो से होकर आवाज करती हैं तेरी बातो की याद दिलाती हैं ,

ये जो हिलते हैं पत्ते दांय से बांय तेरी अदाओं की याद दिलाती है ,

जब गिरते हैं सुखे पत्ते पेड़ से तेरी उदासी की याद दिलाते हैं,

जब आकार बैठाता है कोई परिंदा पेड़ पर तेरी खुशी की याद दिलाते हैं,

जब टूटता है कोई पेड तेज हवा से तेरे टूटने की याद दिलाते हैं ,

जब खिलता है कोई फल फूल इन पे तेरे मुस्कुराने की याद दिलाते हैं ,

और ये हवाएं जब रुक जाते हैं, ये हावाय जब बंद हो जाती हैं तो तुम्हारी खामोशी नजर आती है ,

ये पेड़ जब सो जाते हैं तुमसे दूर ही नजर आते हैं ।

Gujara Jab ine Hawaon se mein yah Teri Yad dilate Hain 

Yah hawayen Jab patton Se hokar Awaaz Karte hain teri baton ki Yad dilati Hain 

Yah Jo hilte hain ped daen se baen Teri adaon Ki Yad Dila De Hai 

Jab girte Hain sukhe Patte ped Se Teri udaasi Ki Yad dilate Hain 

Jab Aakar baithata Hai Koi Parinda ped per Teri Khushi ki Yad dilate Hain 

Jab tut ta Hai Koi ped Tej Hawaon Se Tere tutane Ki Yad dilate Hain 

Jab khilta Hai Koi fal Phool in pe Tere muskurane Ki Yad dilate Hain 

Aur yah hawayen Jab ruk Jaate Hain yah awaazen Jab Band Ho Jaati Hain To Tumhari Khamoshi Najar Aati Hai 

yah ped Jab so Jaate Hain Tumse Dur hi Najar Aate Hain


                                   
author

Karan Mishra

करन मिश्रा को प्रारंभ से ही गीत संगीत में काफी रुचि रही है । आपको शायरी, कविताएं एवं‌‌ गीत लिखने का भी बहुत शौक है । आपको अपने निजी जीवन में मिले अनुभवों के आधार पर प्रेरणादायक विचार एवं कहानियां लिखना काफी पसंद है । करन अपनी कविताओं एवं विचारों के माध्यम से पाठको, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने का प्रयत्न करते हैं ।

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