Short Inspirational Hindi Story of Meena
अभी कल ही तो इतनी देर तक बात हुई थी । भला अब कौन सी बात बाकी रह गई । मीना अभी तुम फोन पिक कर लो मैं बाद में बात कर लूंगा
वह बड़े ही मन से टेलीफिल्म देख रही है । आधे घंटे की टेलीफिल्म में लगभग 25 मिनट का समय खत्म हो चुका है और बचे हुए आखिरी 5 मिनट में हर बार की तरह इस बार भी राजू उपस्थित होकर फिल्म से रिलेटेड कुछ रोचक बातें दर्शको से साझा करने टीवी स्क्रीन पर आता है परंतु उसके स्क्रीन पर आते ही, मीना चैनल बदल देती है जिसे देखकर राजू चौक जाता है और कहता है ।
25 मिनट की फिल्म देखने में तुम जरा भी बोर नहीं हुई मगर उस फिल्म को बनाने के पीछे जिसने दिन रात कड़ी मेहनत की है उसे 2 मिनट सुनने का भी तुम्हारे पास वक्त नहीं है । उसकी बाते तुम्हे बकबक लग रही हैं
तुम अपनी कुछ दिनो की मेहनत में, इस 30 मिनट की टेलीफिल्म को बनाकर ये चाहते हो कि लोग तुम्हे सुने तुम्हारे बारे में जाने, मगर जिसने तुम्हारे उज्ज्वल भविष्य की खातिर अपनी पूरी जिंदगी लगा दी उन्हें सुनने, उनको जानने का तुम्हारे पास वक्त ही नहीं । तुम्हे पाल-पोस कर जिसने इतना बड़ा किया, तुम्हे इस लायक बनाया कि तुम अपने पैरो पर खड़े हो सको, वो कैसे हैं, आज का दिन उनका कैसा बिता, इन सबमे तुमको कोई इंटरेस्ट नही है । तुम्हे तो उनसे फोन पर बात करने तक की फुर्सत नहीं है । उनसे मिले हुए तो तुमको जमाने हुए ।
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