आईये जाने, रक्षाबंधन (राखी) 2020 में कब है? रक्षाबंधन (राखी) का हिंदू धर्म में क्या महत्व है ? रक्षाबंधन (राखी) 2020, की तिथि एवं मूहूर्त का समय क्या है ?
इस वर्ष रक्षाबंधन ( rakshabandhan) का त्यौहार, 3 अगस्त 2020 दिन सोमवार (Monday) को मनाया जाएगा ।
रक्षाबंधन (rakshabandhan) का शुभ मुहूर्त
सुबह 09:27 से रात्रि 09:17 तक
रक्षाबंधन (rakshabandhan) का प्रदोष मुहूर्त :
सायं 7:15 से रात्रि 9:16: तक
रक्षाबंधन का त्यौहार सभी त्योहारों से बिल्कुल अलग है इसमें बहन भाई के हाथ की कलाई पर राखी (rakhi) बांधती है और भाई उसके बदले पूरे जीवन भर (lifetime) उसकी रक्षा का वचन (promise) देता है । भारत में काफी समय से यह त्यौहार ( festival) मनाया जा रहा है हालांकि आजादी के वक्त इस त्यौहार का उतना प्रचलन नहीं था परंतु धीरे-धीरे इस त्यौहार का महत्व काफी बढ चुका है ।
राखी (rakhi) के दिन बहन अपने भाई के घर जाती है और उसकी कलाई पर राखी बांधकर उसकी लंबी उम्र ( long age) की दुआ करती है और उसे मिठाइयां खिलाती है । भाई भी अपनी यथाशक्ति उसे उपहार (gift) देता है और साथ ही उसकी रक्षा का वचन भी देता है । भाई बहन के प्यार का यह त्यौहार अपने आप में बिल्कुल अलग है ।
सावन महीने के आखिरी दिन पड़ने वाला यह त्यौहार भारत (India) के लगभग सभी प्रांतों (states) में मनाया जाता है । तरह-तरह की राखियां बाजारों में काफी समय पहले से ही दिखने लगती हैं हालांकि इस त्यौहार में मुहूर्त जैसी कोई बात (issue) नहीं है परंतु भद्रा में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए इसलिए राखी बांधने से पहले भद्रा की जानकारी अवश्य कर लेना चाहिए ।
रक्षाबंधन की मान्यताएं
वैसे तो किसी को ठीक से नहीं पता कि रक्षाबंधन का त्यौहार कब प्रारंभ हुआ संदर्भ में अलग-अलग मान्यताएं (Beliefs) हैं जो निम्न है
पौराणिक मान्यता (Mythological recognition)
वैसे तो राक्षसों और देवताओं (Demons and gods) के बीच अक्सर युद्ध हुआ करते थे । ऐसे ही एक बार जब राक्षसों ने देवताओं पर हमला बोल दिया तब उस समय देवताओं के राजा इंद्र उनसे काफी घबरा (Nervous) गए । तब उनकी पत्नी इंद्राणी अपने पति की रक्षा के लिए ईश्वर की साधना में बिल्कुल रंम गई और इंद्र की पत्नी इंद्राणी ने ईश्वर की काफी तपस्या (Penance) की जिसके बाद उन्हें एक धागा (Thread) प्राप्त हुआ । जिसे उन्होंने इंद्र के हाथों पर बांध दिया जिसके परिणाम स्वरुप इंद्र को सफलता ( Success) प्राप्त हुई । तभी से रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है ।
ऐतिहासिक मान्यता
ऐतिहासिक मान्यताओं के अनुसार मेवाड़ (Mewar) राज्य पर जब मुगल शासक बहादुर शाह (Mughal ruler Bahadur Shah) ने हमला बोल दिया तब मेवाड़ की महारानी कर्मावती ने हुमायूं को एक राखी भेजी और अपनी मदद करने का आग्रह (request) किया । हुमायूं ( Humayun) ने महारानी कर्मावती की रक्षा के लिए बहादुर शाह से दो-दो हाथ किए तभी से रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है ।
यह माना जाता हृ कि पहले के समय में ब्राम्हण दूसरों को रक्षा सूत्र बांधा करते थे परन्तु तब राखी का प्रचलन इस तरह से नहीं था । धीरे-धीरे राखी का प्रचलन (the trend) काफी अधिक हो गया है ।
रक्षाबंधन के त्यौहार के आने से तकरीबन एक महीने (one month) पहले से ही बाजार, राखियों से सज जाते हैं । वो बहने जिनके भाई काफी दूर रहा करते हैं जिसके कारण वो उनसे जाकर मिल नहीं सकती ऐसी बहनें अपने भाइयों को डाक या कुरियर (Postal or courier)
द्वारा समय से पहले ही राखियां भेज देती है ।
आजकल राखी के त्यौहार की तैयारी भी काफी जोरों शोरों से होने लगी है लोग दीपावली (deepawali ) और होली (holi) की तरह ही अब रक्षाबंधन के त्यौहार की भी तैयारियां करते हैं । बाजार में कई तरह की मिठाइयां (sweets ) रक्षाबंधन के त्यौहार के लिए तैयार की जाती हैं । घर में कई तरह के अच्छे-अच्छे व्यंजन (dishes) बनाए जाते हैं ।
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तो दोस्तो आप अब ये जान चुके होगे कि, रक्षाबंधन (राखी) 2020 में कब है? रक्षाबंधन (राखी) का हिंदू धर्म में क्या महत्व है ? रक्षाबंधन (राखी) 2020, की तिथि एवं मूहूर्त का समय क्या है ?
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