The Mango Tree Story In Hindi | Short Moral Children Story In Hindi
एक गांव में जग्गा नामक युवक रहा करता था । वह काफी मेहनती था । अपनी मेहनत के बल पर उसने घर के सामने पड़ी थोड़ी सी भूमि में आम का एक सुंदर बगीचा तैयार कर लिया था । आम के फलों को बेचकर जग्गा अपने साल भर के खर्चे का जुगाड़ कर लिया करता ।
एक दिन जब जग्गा अपने दरवाजे पर खाट बिछाये सो रहा था तभी अचानक उसके बाग में कुछ आवाजें सुनाई दी । उन्हे सुनकर जग्गा की नींद टूट गई । वह दौड़े-दौड़े अपने बगीचे में जा पहुंचा । वहां उसने एक पेड़ के नीचे ढेर सारे आम के फलों को गिरा हुआ पाया ।
तभी उसकी नजर एक पेड़ के पीछे छुपे हुए एक छोटे से बच्चे पर पड़ी । उसने उसे पकड़ लिया और बोला
“अच्छा तो ये शरारत तुम्हारी है”
बच्चा पलके झुकाये, सीसकियां लेता हुआ बस ना-ना कहता रहा तभी जग्गा को ऊपर पेड़ पर किसी के होने की आभास हुआ ।
“तुम जो भी हो चुपचाप नीचे चले आओ वरना यदि मैं उपर आ गया तो तुम नही जानते कि फिर तुम्हारा क्या होगा”
(पेड़ पर बैठे बच्चे से जग्गा ने कहा)
उसके ऐसा कहते ही पेड़ पर बैठा दूसरा बच्चा तपाक से नीचे कूद पड़ा ।
बस फिर क्या था, जग्गा ने दोनों बच्चों को पेड़ मे बांधकर उनकी खूब पिटाई की परिणामस्वरूप पेड़ से बधे दोनों लहूलुहान बच्चे पूरी रात बस सिसकियां लेते रहे ।
धीरे-धीरे सुबह हो गई । बच्चों के माता-पिता उन्हें ढूंढते-ढूंढते जग्गा के बगीचे में जा पहुंचे । वहां अपने बच्चों की ऐसी हालत देख वे बहुत क्रोधित हुए । देखते ही देखते सारा गांव जग्गा के बगीचे में इकट्ठा हो गया ।
खाट पर सोया जग्गा भी गांव वालों की आवाजें सुनकर जग गया । बच्चों के माँ-बाप ने जग्गा से पूछा
“आखिर इन बच्चों का कसूर क्या है । इतनी सी बात के लिए कोई भला ऐसा करता है क्या और वह भी बच्चों के साथ ? बच्चे तो आखिर भगवान का रूप होते हैं क्या तुम ये नही जानते ?”
(उनकी इन बातों से झल्लाए जग्गा ने कहा )
“अरे ये बच्चे नहीं शैतान है, शैतान । इनकी वजह से मैं ठीक से सो भी नहीं पाता । इन्होंने मेरा दिन का चैन और रातों की नींद उड़ा रखी है । अब यदि कोई भी बच्चा मेरे बगीचे के आसपास भटकता नजर आया तो उसका भी मै यही हाल करूंगा”
जग्गा काफी शक्तिशाली था । ऐसे में उससे पंगा लेने की हिम्मत किसी मे नहीं थी । उस दिन के बाद से जग्गा के अंदर बच्चों के प्रति नफरत और ज्यादा बढ़ गई । हालांकि उसकी बूढ़ी माँ उसे हमेशा बच्चों से प्यार करने की नसीहत देती । मगर माँ की बातों का जग्गा पर कोई असर नहीं होता उल्टे बच्चों के उसकी नफरत दिन-ब-दिन और बढ़ती चली गई फलतः वह उन्हें अपना दुश्मन मान बैठा ।
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एक दिन जब जग्गा के पड़ोस में नलका गड़वाया जा रहा था । तब जग्गा की माँ ने उससे कहा
“यदि हमारे दरवाजे पर भी ऐसा ही एक नलका गड़ जाए तो तुम्हारे न रहने पर मुझे दूर कुएं पर पानी लेने न जाना पड़े”
माँ की तकलीफों को समझते हुए, जग्गा ने आम के फलो को बेचकर नलका गड़वाने का माँ से वादा किया ।
कुछ ही दिनों में जग्गा का बगीचा आम के फलों से भर गया । जिसे उसने बेचकर ढेर सारे पैसे इकट्ठा कर लिए और अब बारी थी नलका गड़वाने की जग्गा ने देर न करते हुए फटाफट मजदूरों को बुलवाकर दरवाजे पर नलका गड़वाने का काम शुरू करवाया ।
मजदूरों ने पूरा दिन पसीना बहाया परंतु ताज्जुब की बात ये कि काफी मशक्कत के बाद भी वहां पानी नहीं आया । अंधेरा होने पर मजदूरों ने जग्गा से कहा हमारी लेटेस्ट (नई) कहानियों को, Email मे प्राप्त करें. It’s Free !
“कल हम आसपास किसी दूसरी जगह नलका गाड़ने की कोशिश करेंगे हो सकता है कि वहां पानी मिल जाए”
ऐसा कहकर मजदूर तो घर वापस लौट गए परंतु जग्गा रात भर नहीं सोया और सुबह होते ही वह मजदूरों का इंतजार करने लगा । मजदूरों ने आकर पुनः नलका गाड़ने की कोशिश की । इस प्रकार कई दिन गुजर गए परंतु जग्गा के दरवाजे पर कहीं भी पानी नहीं मिला । तब एक पड़ोस मे रहने वाले बूढ़े काका ने उससे कहा
“इतना परेशान होने की जरूरत नहो, अभी गर्मियों का मौसम है । इस वक्त पानी का स्तर काफी नीचे चला जाता है । तुम कहीं भी नलका गाड़ कर छोड़ दो । जब बरसात का मौसम आएगा तो पानी का स्तर खुद-ब-खुद ऊपर उठेगा और तब तुम देखना कि कैसे तुम्हारा नलका भी पानी देने लगता है”
कोई रास्ता ना होने के कारण जग्गा ने काका की बात मान ली और बड़ी बेसब्री से बरसात का इंतजार करने लगा किंतु देखते देखते बरसात के कई मौसम गुजर गए परंतु जग्गा के नलके से पानी की एक बूंद तक नहीं निकली जिसे देख जग्गा बहुत निराश हुआ । माँ की इच्छाओं को पूरा न कर पाने के कारण वह अब काफी दुखी रहने लगा ।
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एक दिन जब जग्गा भरी दुपहरी में दरवाजे पर लगे नीम के पेड़ के नीचे खाट बिछाए सो रहा था तभी उसे पानी की बूँद टपकने जैसी कुछ आवाज सुनाई दी । उस आवाज को सुनते ही वह उठ कर बैठ गया और इधर-उधर देखने लगा तभी उसकी नजर अपने नलके पर पड़ी नलके से पानी की पतली धारा गिर रही थी ।
यह देखते ही जग्गा खुशी से नलके की ओर दौड़ पड़ा । वहां पहुंचने पर उसने नलके के पीछे छुपे हुए एक छोटे से बच्चे को देखा उसने आश्चर्यपूर्वक बच्चे से पूछा
“क्या यह तुमने किया”
बच्चा जग्गा के गुस्से से भलीभांति वाकिफ था । फिर भी मन के सच्चे बच्चे ने रूदासी आवाज में सर हिलाते हुए “हां” कहा यह सुनकर जग्गा बहुत खुश हुआ और उसने तपाक से बच्चे को गोद में उठा लिया और बडे ही आश्चर्यजनक अंदाज में उससे पूछने लगा
“आखिर ये तुमने कैसे किया”
वह बच्चे से लगातार पूछे जा रहा था परंतु बच्चा डर के मारे कुछ भी नहीं कह पा रहा था ।
तभी पीछे से जग्गा की माँ ने जग्गा से कहा
“मैंने तो तुमसे पहले ही कहा था कि बच्चे भगवान का रूप होते हैं । उनके हाथों कुछ भी संभव है मगर तुम ही न जाने क्यों इन बच्चों को अपना दुश्मन समझ बैठे”
इस दिन के बाद से जग्गा ने बच्चों से प्यार करना सीख लिया
कहानी से शिक्षा | Moral Of This Best Inspirational Story In Hindi
बच्चे भगवान का ही रूप होते हैं इसलिए हमेशा उनसे प्यार से पेश आना चाहिए । बच्चे चाहे अपने हो या दूसरों के परंतु हैं तो आखिर वे ईश्वर का ही स्वरूप इसलिए उनसे कभी घृणा नही करनी चाहिए !