“इस बार देखो इनमे कौन सबसे ज्यादा नंबर लाता है” सोम के पिता ने उन तीनों की तरफ इशारा करते हुए कहा, सोम के पिता द्वारा इस प्रकार के कंपटीशन भरी बातों के बावजूद उन तीनों में आपस में किसी प्रकार की ईष्या की भावना नहीं आई। वो आज भी अच्छे दोस्त थे।
परन्तु सुमन के माता-पिता, बिटिया का पढ़ाई में काफी तेज होने और उसके इरादे जानने के बावजूद वक्त रहते वे बिटिया की शादी की जिम्मेदारियों को पूरा कर लेना चाहते थे। सुमन के जिद्द करने पर पिता ने उसे ससुराल में जाकर पढ़ने की नसीहत दे ढाली।
बच्चों के इस फैसले में उनका पूरा साथ देने की उन्होंने ठान ली। शहर के सबसे सफल कोचिंग सेंटर से तीनों ने परीक्षा की तैयारी करने का फैसला किया।
“यहाँ फीस बहुत ज्यादा है”
अभी इतना ही कहा था कि पिता ने उधर से बोला
“तुम पैसो की चिंता मत करो । जितना लगेगा मैं दूंगा तुम कल ही जाकर वहां दाखिला ले लो और तैयारी शुरू करो”
पिता के इस प्रकार के विश्वास भरे कदम ने सुमन का आत्मविश्वास दोगुना कर दिया। तीनों ने परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। रात दिन की मेहनत के बाद समय आया परीक्षा का। तीनों ने बड़े ही आत्मविश्वास के साथ प्रारंभिक परीक्षा में शामिल हुए।
“देख सुमन अपना संगीत तो IAS बन गया। अभी प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट भी नहीं आए और यह मुख्य परीक्षा की तैयारी में जुट गया”
“देख सुमन अपना संगीत तो IAS बन गया। अभी प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट भी नहीं आए और यह मुख्य परीक्षा की तैयारी में जुट गया”
सुमन ने बोला “क्या”
सोम “हां देखो इसने मुख्य परीक्षा के तैयारी की बुक्स खरीदी है”
यह सुनकर सुमन भी ताली पीट पीट कर हंसने लगी। सुमन ने बोला “लगता है ये दो बार के फेल्योर से फ्रस्टेट हो गया है अरे यार पहले रिजल्ट तो आ जाने देते”
यह सुनकर सुमन भी ताली पीट पीट कर हंसने लगी। सुमन ने बोला “लगता है ये दो बार के फेल्योर से फ्रस्टेट हो गया है अरे यार पहले रिजल्ट तो आ जाने देते”
“संगीत ने कहा तुम्हें नहीं करना तो मत करो। मगर मुझे मत समझाओ मैं जो कर रहा हूँ। बहुत सोच समझकर कर रहा हूँ । अगर हम प्री परीक्षा के रिजल्ट में सफल हुए तो रिजल्ट निकलने के कुछ दिनो बाद ही हमें मेंस में बैठना होगा। इतने कम समय में इतनी बड़ी तैयारी कैसे हो पाएगी। मेरी मानो तुम प्री के परिणामों की प्रतीक्षा छोड़कर मेंस की तैयारी में जुट जाओ”
परन्तु उसकी भला कौन सुनने वाला। दोनों बस उसका मजाक उड़ाते रहे पर वह उन्हें इग्नोर करके अपनी तैयारी में जुट गया।
दोस्तों हम सभी, एक अवसर की प्रतीक्षा में बैठे रहते। परंतु जब वह असर आता है तो उस अवसर को भुनाने के लिए हमारे पास पहले से कोई तैयारी नहीं होती क्योंकि सारा समय बस उस opportunitie के, पहले मिलने के इंतजार में ही बिता देते हैं। अतः कल जो कुछ भी हम करना चाहते हैं उसकी मुकम्मल तैयारी हमें आज से ही करनी होगी।
Moral Of The Story
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