चैत्र नवरात्रि का महत्व, घटस्थापना मुहूर्त, पूजा विधि व व्रत नियम 2020

Chaitra Navratri 2020 :  जाने, चैत्र नवरात्रि एवं हिंदू नव वर्ष कब है 2020, व्रत और पूजन की विधी , मुहूर्त, उपवास, परहेज, फलाहार मे क्या बनाए, दुर्गा आरती और दुर्गा चालिसा

चैत्र नवरात्रि के नौ रंग | हिन्दू नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें  2020

  आइए जाने, चैत्र नवरात्रि एवं हिंदू नव वर्ष कब है 2020  मे, चैत्र नवरात्रि का हिंदू धर्म में क्या महत्व है । चैत्र नवरात्रि एवं हिंदू नव वर्ष की तिथि एवं मूहूर्त का समय क्या है । चैत्र नवरात्रि की पूजन विधि क्या है । चैत्र नवरात्रि में फलाहार में क्या बनाए । चैत्र नवरात्रि मे उपवास के नियम क्या हैंं  । चैत्र नवरात्रि में क्या परहेज करना चाहिए । चैत्र नवरात्रि का हिंदू नव वर्ष से क्या संबंध है ।

  अभी कुछ ही दिन पहले होली का त्यौहार बहुत ही धूमधाम और उत्साह से मनाया गया और इसके गुजरते ही नवरात्रि की तैयारियां शुरू हो गई हैं । इसका हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है । ये त्यौहार हिन्दू आस्था का प्रतिक  है । जिसमे माँ दुर्गा की अराधना एक शक्ति के रूप मे की जाती है । हिंदू धर्म के सभी त्योहारों में यह प्रमुख है । वैसे तो हिन्दू धर्म मे साल मे चार बार नवरात्रि आती है परन्तु चैत्र नवरात्रि और शरद नवरात्रि का विशेष महत्व है ।

  चैत्र माह मे पड़ने वाले इस पर्व की एक खास बात यह है कि इसी दिन हिन्दू धर्म के लोगो के नव वर्ष का भी आरम्भ होता है । हालांकि दक्षिण भारत मे ऐसा नही है वहाँ नए वर्ष की शुरुआत दिपावली के दूसरे दिन से होती है । इस वर्ष 25 मार्च, दिन बुुुधवार, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नव संवत्सर विक्रम संवत 2076 आरंभ हो रहा है ।

  इसप्रकार  हिंदू नव वर्ष का प्रारंभ 25 मार्च, दिन बुुुधवार, से प्रारंभ होगा और इसी के साथ चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ भी, 25 मार्च, दिन बुुुधवार, 2020 से शुरू होगी और नौ दिनों बाद 3 अप्रैल, दिन शुक्रवार, 2020 को पूरा होगा । नवरात्रि नाम, से ही स्पष्ट होता है की यह नौ दिनों की होती है जिसका प्रत्येक दिन काफी अहम होता है । इन नौ दिनों को काफी पवित्र माना जाता है और इन नौ दिनों मे प्रत्येक दिन का अपना एक विशेष महत्व है ।

  इसमें प्रत्येक दिन देवी दुर्गा के अलग-अलग नौ स्वरूपों का पूजा की जाती है । मां दुर्गा के इन नौ स्वरूपों में शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री है । पहले दिन मां शैलपुत्री  की पूजा की जाती है  दूसरे दिन  मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है आठवें दिन मां  महागौरी की पूजा की जाती है नौंवे दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है । इन दिनों विशेष साफ-सफाई रखी जाती है ।

तिथि :- 25 मार्च  – 3 अप्रैल 

घट स्थापना, शुभ मुहूर्त :- 06:23 – 07:16 

पूजन विधि :- 

  पहले दिन ही कलश की स्थापना की जाती है एवं विभिन्न मन्त्रों के उच्चारण के साथ कलश का पूजन किया जाता है । इसके बाद “दुर्गा सप्तशती” का प्रत्येक दिन पाठ किया जाता है और आखिरी दिन अर्थात नौवें दिन विधि विधान के साथ पूजन एवं हवन किया जाता है और मां दुर्गा की विदाई कर दी जाती है ।

उपवास :-

  मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए लोग नौ दिनों का उपवास रखते हैं इन नौ दिनों के उपवास के भिन्न स्वरूप हैं । कुछ लोग फलाहार  के द्वारा व्रत रखते हैं  तो कुछ लोग  केवल  जल पर  निर्भर रहकर अपना व्रत पूरा करते हैं । मां दुर्गा की विदाई के उपरांत पारन किया जाता है । कुछ लोग इस दिन पारन न करके अगले दिन अर्थात दसवीं को पारन करते हैं इसमें अलग-अलग मत हैं ।

परहेज :-

  इन दिनो मे सादे भोजन का ही प्रयोग किया जाता है । बहुत से लोग इन दिनों में लहसुन एवं प्याज का प्रयोग भी नहीं करते हैं साथ ही उपवास करने वाले कुछ लोग नमक को भी ग्रहण नहीं करते हैं परन्तु कुछ लोग सेंधा नमक का प्रयोग करते हैं ।

फलाहार :- 

  फलाहार के भी विभिन्न रूप हैं कुछ लोग फलाहार में केवल फलों, दूध, और आलू का प्रयोग करते हैं कुछ लोग कुट्टू, तिन्नी के चावल आदि का प्रयोग करते हैं ।
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फलाहार मे बनाए स्वादिष्ट और हेल्दी रेसपी :-

फलाहार मे आप ऐस विभिन्न रेसिपी बना सकते है जिससे आपका व्रत भी अच्छे से पूरा हो सके और जो काफी हेल्दी भी होगा ।

 कुट्टू  से बनाएं रेसिपी :- 

  आप कुट्टू के आटे की पूड़ी बना सकते हैं साथ ही आप कुट्टू की खिचड़ी भी बना सकते हैं यह दोनों ही काफी टेस्टी होती हैं और हेल्थी भी, शो प्लीज दोस्तों इसे आप जरूर ट्राई करें यह आपके फलाहार को और बेहतर बना सकता है ।

सिंघाड़े के आटे की का हलवा :-  

  सिंघाड़े के आटे का हलवा भी आप बना सकते हैं ये वाकई बहुत ही अच्छा फलाहार माना गया है और अधिकांश लोग इसका प्रयोग वर्षो से करते आ रहे हैं ।


लस्सी का प्रयोग :- 

  आप लस्सी का भी प्रयोग कर सकते हैं । जो आपके शरीर मे पानी की कमी को पूरा करने मे मददगार साबित होगी साथ ही ये पेट को शीतलता प्रदान करेगा ।

साबूदाने की खीर :- 

  साबूदाने की खीर भी  बेस्ट विकल्प है । फलाहार मे, आप साबूदाने की खिचड़ी भी बना सकते हैं । साबूदाने पापड़ पहले से बना कर तैयार रखें और उसका फलाहार में प्रयोग करें

ताल मखाने की खीर : – 

  ताल मखाने की खीर भी बना सकते हैं ।


रामदाने की खीर :- 

  रामदाने की खीर बना सकते हैं साथ ही इसके लड्डू भी बना सकते हैं ।


आलू और टमाटर की मजेदार सब्जी और हलवा :- 

  फ्रेंड्स आप आलू और टमाटर की सब्जी बना सकते हैं । इसके साथ-साथ आप आलू का हलवा भी बना सकते हैं ।

आलू की टिक्की :-   

  आलू की टिक्की बना सकते हैं ।आलू की टिक्की में अगर साबूदाने का प्रयोग किया जाए तो टिक्की काफी कुरकुरी हो जाएगी ।

फ्रूट चाट :- 

  फ्रूट चाट का प्रयोग कर सकते हैं सकते है ।


टमाटर चाट :– 

  टमाटर चाट का प्रयोग कर सकते हैं ।

मूंगफली और लौकी का हलवा :- 

  मूंगफली और लौकी का हलवा बना सकते हैं दोनो स्वाद और सेहद से भरपूर हैं ।

मेवा की खीर:-

  मेवा की खीर भी बना सकते हैं ।
    
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  तो दोस्तो आप अब ये जान चुके होगे कि, चैत्र नवरात्रि एवं हिंदू नव वर्ष कब है 2020  मे, चैत्र नवरात्रि का हिंदू धर्म में क्या महत्व है । चैत्र नवरात्रि एवं हिंदू नव वर्ष की तिथि एवं मूहूर्त का समय क्या है । चैत्र नवरात्रि की पूजन विधि क्या है । चैत्र नवरात्रि में फलाहार में क्या बनाए ।

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Karan Mishra

करन मिश्रा को प्रारंभ से ही गीत संगीत में काफी रुचि रही है । आपको शायरी, कविताएं एवं‌‌ गीत लिखने का भी बहुत शौक है । आपको अपने निजी जीवन में मिले अनुभवों के आधार पर प्रेरणादायक विचार एवं कहानियां लिखना काफी पसंद है । करन अपनी कविताओं एवं विचारों के माध्यम से पाठको, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने का प्रयत्न करते हैं ।

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